Dog's Steroids Supplements: अभी चार दिन पहले ही गाजियाबाद (Ghaziabad) के सेक्टर-23 में 11 साल के बच्चे पुष्प त्यागी पर पिटबुल (Pit Bull) ब्रीड के एक कुत्ते ने जानलेवा हमला कर दिया था. बच्चे को 200 टांके आने के बाद जैसे-तैसे उसकी जान बची है. कुत्ते के इंसान पर हमला करना का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले लखनऊ (Lucknow) में एक पालतू पिटबुल कुत्ते ने अपनी 82 साल की मालकिन को बुरी तरह नोंच डाला था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी.


आखिर पालूत होने, इंसान के साथ दोस्ताना रिश्ते और वफादारी की मिसाल कायम करने वाले के कुत्तों के व्यवहार में इस तरह का बदलाव क्यों आ रहा है? अगर हम कहें कि इस मामले में यह बेजुबान जानवर बिल्कुल भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है तो ये एक संजीदा विषय है जिस पर बात किया जाना जरूरी है.


दरअसल कुत्ते के मालिकों की उन्हें सुंदर- सुडौल और उनकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने की ऐसी चाह है कि वह प्रोटीन के साथ इस जानवर को स्टेरॉयड (Steroids) दे रहे हैं. कुत्तों के चिकित्सक और ट्रेनर भी मानते हैं कि कुत्तों की शारीरिक और मानसिक स्थिति जाने बगैर उन्हें स्टेरॉयड देना उनके व्यवहार में बदलाव आ सकता है. 


क्यों है आक्रामक और हमलावार कुत्ते


पशु चिकित्सकों की माने तो कुत्ते के प्रोटीन सप्लीमेंट देने से अगर उसकी कैलोरी बर्न नहीं होती तो इससे उसके व्यवहार में बदलाव आने लगता है. वह बेवजह भौंकने लगता है. हमलावार और आक्रामक हो जाता है. नोएडा एचएसए एनीमल डिस्पेंसरी हॉउस ऑफ स्ट्रे एनिमल के फाउंडर संजय महापात्रा कहते हैं कि जहां तक कुत्तों को प्रोटीन सप्लीमेंट देने की बात है तो वह दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपने कुत्ते को रेगुलर वॉच करने की जरूरत है.


अलग-अलग नस्लों के कुत्ते की जरूरतें और उनका रवैया भी अलग होता है. उन्हें उसी तरह से ट्रीट किया जाना चाहिए. सही तरीके से फिजिकल चेकअप के बाद ही उन्हें किसी भी तरह का सप्लीमेंट दिए जाने की सोचना चाहिए. हर 6 महीने में उनका ब्लड टेस्ट होना चाहिए. कुत्ते की साइकॉलोजी को समझना भी बेहद जरूरी है. उदाहरण के लिए कुत्ते को नींद की जरूरत है, लेकिन सप्लीमेंट देकर उसे हाइपर एक्टिव करने की कोशिश करेंगे तो स्वाभाविक है कि उसके व्यवहार में बदलाव आएगा. वो आक्रामक और हमलावार भी हो सकता है.


आसानी से मिल जाने वाले डॉग सप्लीमेंट


प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल अक्सर बॉडी बिल्डिंर करते हैं. इसके इस्तेमाल का मकसद शरीर को सुडौल और मांसपेशियों को मजबूत करना होता है. इन दिनों बाजार में आसानी से मिल जाने वाले 1500 से लेकर 3000 हजार तक के डॉग सप्लीमेंट है. कुत्तों की मांसपेशियों को मजबूत करने, सुडौल और खूबसूरत बनाने के लिए आजकल कुत्तों के मालिक इस तरह के सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं. बाजार में मौजूद इन डॉग सप्लीमेंट्स में से कई में स्टेरॉयड मिला होता है.


ऐसे में अगर कुत्ते की मानसिक और शारीरिक स्थिति को जाने बगैर इस तरह का सप्लीमेंट उनके शरीर में जाता है तो वह उन पर असर डालता है. इनसे पिटबुल, जर्मन शैफर्ड, डॉबरमैन, बॉक्सर जैसे कुत्ते और खूंखार और खतरनाक हो सकते हैं. इस मामले पर पशु चिकित्सक अरविंद सिंह कहते हैं कि अगर कुत्तों को रेगुलर चेकअप के बाद सप्लीमेंट दें तो अच्छा है,वैसे भी दे सकते हैं. सप्लीमेंट उनकी ग्रोथ के लिए जरूरी होता है. लेकिन स्टेरॉयड वाले सप्लीमेंट को देने में थोड़ी सावधानी जरूरी है. खासकर मेटिंग सीजन में कुत्ते को सप्लीमेंट देने से बचना चाहिए. इस वक्त कुत्ते पहले ही काफी आक्रामक होते हैं. ऐसे में सप्लीमेंट देने से वह अधिक आक्रामक हो सकते हैं.


कुत्ता पालने वालों के लिए ध्यान देने वाली बातें



  • कुत्तों को मानसिक और शारीरिक तौर पर सेहतमंद रखने के लिए उन्हें एक्सरसाइज और टहलाना भी जरूरी है.

  • अगर आप का कुत्ता आक्रामक प्रवृति का है तो उसे लिफ्ट में सबके साथ ले जाने से बचें.

  • जब भी बाहर लेकर जाएं उसे डॉग कलर से लगी लीश से बांध कर ले जाएं.

  • अगर आपका कुत्ता काटने की प्रवृति रखता है तो बाहर ले जाते वक्त उसे मुंह पर बाइट गार्ड लगाकर ही बाहर ले जाएं. 

  • कुत्तों के खाने में अंडा, मांस, रोटी, चावल से लेकर दूध तक दिया जा सकता है. 

  • अगर आपके कुत्ते को किसी चीज से एलर्जी है तो उस तरह की चीजें देने से बचें. 


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