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डोकलाम विवाद पर चीन की गीदड़भभकी, इस बार साधा पीएम मोदी पर निशाना
डोकलाम के मुद्दे पर लगातार धमकियां दे रहा चीन ने एक बार फिर भारत को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि भारत एक ऐसे देश को उकसा रहा है जो उससे ज्यादा ताकतवर है.
नई दिल्ली : डोकलाम के मुद्दे पर भारत के संयम को चीन कमजोरी समझने की गलती कर रहा है. यही वजह है कि कभी चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से तो कभी चीनी अखबार की तरफ से भारत को लगातार धमकी दी जा रही है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अब सीधे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और कहा है कि मोदी सरकार जानबूझ कर भारत को जंग की ओर धकेल रही है, जबकि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले ही ये कह चुकी हैं कि युद्ध से किसी समस्या का हल नहीं निकल सकता. डोकलाम के मुद्दे पर लगातार धमकियां दे रहा चीन ने एक बार फिर भारत को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि भारत एक ऐसे देश को उकसा रहा है जो उससे ज्यादा ताकतवर है. ये बयान चीन के उसी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपा है जिसके जरिए पिछले 2 महीने से चीन भारत को गीदड़भभकियां दे रहा है लेकिन अब एक कदम आगे बढ़ते हुए ग्लोबल टाइम्स ने सीधे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी पर निशाना साधा है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'मोदी सरकार को चीन की सेना की ताकत के बारे में पता होना चाहिए और अपने लोगों से ये झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है. अगर मोदी सरकार नहीं मानती है तो वो भारत को एक ऐसे युद्ध की तरफ धकेलेगी जिसे संभाल पाना भारत के बस की बात नहीं है.'चीन बना रहा सैन्य अभियान की योजना, ‘युद्ध की स्थिति में साथ आ सकते हैं भारत-अमेरिका’
चीन के सरकारी अखबार ने यहां तक लिख दिया कि चीन की सेना जरूरी तैयारी कर चुकी है. वहीं चीन के सरकारी टीवी सीसीटीवी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि चीनी सेना ने कुछ दिनों पहले ही तिब्बत में युद्धाभ्यास किया है.
हैरानी की बात ये है कि चीन की तरफ से भारत को डराने की ये कोशिशें तब हो रही हैं जब उसके उकसाने के बावजूद भारत इस मुद्दे पर लगातार संयम से जवाब दे रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद राज्यसभा में कहा कि भारत युद्ध को किसी समस्या का हल नहीं मानता. बता दें कि हाल ही में सुषमा स्वराज ने चीन को भारत के साथ उसके व्यापारिक रिश्तों की भी याद दिलाई. चीन कितनी भी धमकियां दें लेकिन उसे ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत उसके लिए एक बड़ा बाजार है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब 5 लाख करोड़ रुपए का व्यापार है. जिसमें से लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का सामान भारत चीन से आयात करता है. यानी युद्ध की स्थिति में चीन को भारत से व्यापार के क्षेत्र में बड़ा झटका लग सकता है. बता दें कि चीन के साथ इस विवाद की शुरूआत तब हुई जब उसने भूटान के डोकलाम में सड़क बनाने की कोशिश की और भारत ने उसे रोक दिया. डोकलाम वो इलाका है जहां भारत-चीन-और भूटान की सीमाएं मिलती हैं. भारत का कहना है कि तीनों देशों के बीच सहमति के बिना चीन यहां कुछ नहीं कर सकता. फिलहाल भारत के सैनिक डोकलाम में मौजूद हैं और चीन इस बात पर अड़ा है कि भारत अपने सैनिकों को वहां से हटाए.
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