नई दिल्ली:  चीन एक बार फिर भारत को आंख दिखाने की कोशिश कर रहा है और युद्ध की धमकी दे रहा है. चीन ने कल भूटान के डोकलाम विवाद पर कई देशों के राजदूतों को बुलाया और कहा कि चीन इस मुद्दे पर न पीछे हटेगा और न ही ज्यादा इंतजार कर सकता है.


चीन ने राजधानी बीजिंग में भारत के साथ डोकलाम विवाद पर कई देशों को राजदूतों को बुलाकर ब्रीफ किया. चीन ने कहा कि वह अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा और न ही ज्यादा इंतजार कर सकता है. भारत को ये स्थिति समझनी चाहिए.


डोकलाम पर ABP न्यूज़ की ग्राउंड रिपोर्ट, जानें भारत-चीन के बीच तनातनी की वजह


आज विदेश सचिव संसद की समिति को जानकारी देंगे


वहीं, डोकलाम विवाद पर आज विदेश सचिव संसद की समिति को जानकारी देंगे. विदेश सचिव एस जयशंकर आज दोपहर तीन बजे समिति के सामने जाएंगे. डोकलाम में चीन जबरदस्ती सड़क बना रहा है, जिसको लेकर पिछले तीन सप्ताह से भारत चीन के रिश्तों पर तनाव है.


भूटान में जमीन के एक टुकड़े को लेकर भारत और चीन आमन सामने आ गए हैं. चीन की तरफ से जहां बार-बार भारत को 1962 की याद दिलाकर डराने की कोशिश की जा रही है. वहीं भारत इस मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं है. सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने चौकसी और बढ़ा दी है.


चीन की धमकियों से डरने वाला नहीं है भारत


गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत चीन सीमा पर अब तक निष्क्रिय पड़ी चौकियों को एक बार सक्रिय कर दिया गया है. यानी उन चौकियों पर जवानों और अधिकारियों की पोस्टिंग कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर इस तरह की सभी पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान और अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है. ये सभी सेना के ऑपरेशनल कमांड पर काम करेंगे. भारत की तरफ से ये साफ संकेत दे दिया गया है कि वो चीन की धमकियों से डरने वाला नहीं है.


भारत और चीन के बीच विवाद की वजह है डोकलाम


भूटान में 89 स्कावयर किलोमीटर का इलाका है डोकलाम. रणनीतिक तौर पर तीनों देशों के लिए ये काफी अहम है. चीन डोकलाम पर अपना दावा ठोंकता रहा है जबकि भूटान उसे अपना हिस्सा मानता है. मित्र देश होने के नाते भूटान की सुरक्षा के लिए भारतीय सेनाएं डोकलाम में मौजूद रहती हैं. चीन ने हाल ही में डोकलाम में सड़क बनानी शुरू की, भारतीय सेना ने इसका विरोध किया और इसके बाद विवाद शुरू हो गया.


माहौल को शांत करने के लिए भारत कर रहा है कूटनीतिक कोशिशें 


अब चीन इस बात पर अड़ गया है कि भारतीय सेना डोकलाम से पीछे हटे जबकि भारत का कहना है कि वो कोई विवाद नहीं चाहता, लेकिन चीन को वहां सड़क बनाने नहीं दिया जाएगा. दोनो देशों के बीच तनाव के इस माहौल को शांत करने के लिए भारत कूटनीतिक कोशिशें भी कर रहा है.


26 जुलाई को चीन में ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक


26 जुलाई को चीन में ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक है, जिसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी जाएंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान भी चीन से इस मामले में बातचीत की कोशिश हो सकती है, लेकिन इस बीच भारत चीन से लगी सीमा पर किसी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है.