कोरोना वायरस की बढ़ती मार को रोकने के लिए फिलहाल किसी भी तरह की दवा या वैक्सीन की खोज नहीं हो सकी है लेकिन हाल ही में एक स्टेरॉइड ‘डेक्सामेथासोन’ (Dexamethasone) के कोरोना मरीजों पर प्रभावी नतीजों के बाद इसके इस्तेमाल पर सबकी नजरें हैं. भारत में भी दवा निर्माताओं ने इस स्टेरॉइड को उपयोगी बताया है.
चीन से आता है API
हालांकि इसके निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल यानि एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडिएंट्स (API) की कीमतों में भारी उछाल की आशंका जताई जा रही है. दरअसल, भारत में ये API का ज्यादातर आयात चीन से होता है और उस पर भारतीय दवा निर्माता निर्भर हैं.
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस API से डेक्सामेथासोन का उत्पादन कम कीमत पर हो पाता है. ये स्टेरॉइड फेफड़ों और सांस से जुड़ी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता है.
भारत में जायडस कैडिला और वॉकहार्ट फार्मा जैसी कंपनियां इस दवा का निर्माण करती हैं. वहीं विशेषज्ञ अनुमान जता रहे हैं कि इस दवा के सफल इस्तेमाल से आने वाले दिनों में API आयात कीमतों में 30 फीसदी तक उछाल आ सकता है.
100-200 रुपये में एक दिन की डोज
रिपोर्ट के मुताबिक इसके API की कीमत बाजार में 55 हजार से 65 हजार रुपये प्रति किलो तक है. हालांकि भारत में पहले से ही कुछ गंभीर कोरोना मरीजों पर इस स्टेरॉइड के हल्के वर्जन का इस्तेमाल किया जा चुका है. अनुमान के मुताबिक इसके एक दिन की डोज की कीमत सौ से दो सौ रुपये के बीच है.
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