नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस वक्त ऐसा लग रहा है जैसे मानों दुनिया थम सी गई हो. हर कोई अपने-अपने घरों में रहने को मजबूर है. इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर आई है. लॉकाडाउन के दौरान पूरी दुनिया में घरेलू हिंसा के मामले में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है.


लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के लिए उनका घर असुरक्षित हो गया है. इस बात की पुष्टि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने खुद किया है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन कोरोना वायरस को हराने के लिए है, लेकिन बड़ी तादाद में महिलाएं अपने साथी की हिंसा की शिकार हो रही हैं. पिछले कुछ हफ्तों में महिलाओं पर घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने दुनिया भर की महिलाओं के लिए चिंता जाहिर की.


एंतोनियो गुतारेस की बातों का समर्थन ब्रिटेन में रिफ्यूजियों के लिए काम करने वाले संगठन की निर्देशक लीसा किंग ने भी किया है. उन्होंने कहा है कि पिछले सप्ताह विशेष रूप से सोमवार से शुक्रवार तक, हमने रिफ्यूजी के राष्ट्रीय घरेलू दुर्व्यवहार हेल्पलाइन में औसतन 25% कॉल की वृद्धि देखी है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने आगे कहा कि निश्चित रूप से, घरेलू शोषण इस देश में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा मुद्दा है.


रशिया में बढ़े घरेलू हिंसा के आंकड़े


ब्रिटेन के अलावा रशिया से भी लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले सामने आए हैं. एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया भर की सरकारों से एक अपील की है. उन्होंने कहा है, ''मैं सभी सरकारों से अपील करता हूं कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और उनकी परेशानी दूर करने को कोविड-19 के खिलाफ अपनी योजनाओं में अहम हिस्सा बनाएं.''


कुछ तथ्य जो दर्शाते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ी है


संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से लेबनान और मलेशिया में 'हेल्पलाइन' पर आने वाली फोन कॉल की संख्या दोगुनी हो गई है जबकि चीन में यह संख्या तीन गुना है. ऑस्ट्रेलिया में गूगल जैसे सर्च इंजनों पर घरेलू हिंसा संबंधी मदद के लिए पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा जानकारी इन दिनों खोजी जा रही है.


भारत में भी बढ़े मामले


भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के कारण 24 मार्च को लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. हालांकि इसके बाद से ही घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. कुछ दिन पहले ही दिल्ली के डीसीपी (ऑपरेशंस एंड कम्युनिकेशंस) एसके सिंह ने एक समाचार चैनल से बातचीत में इस बात को स्वीकार किया था कि देश में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े कॉल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ गए हैं. पहले हमें घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ से जुड़ी प्रति दिन 900-1000 कॉल मिलती थी, हालांकि लॉकडाउन के बाद से प्रति दिन लगभग 1000-1200 कॉल मिल रही हैं.


महिला आयोग ने भी माना


राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी माना है कि लॉकडाउन के दौरीन देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बढोतरी देखने को मिली है. महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 23 मार्च 2020 से दो अप्रैल तक महिलाओं से साइबर अपराध के 15 मामले सामने आए हैं. वहीं, महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिली हैं. इसी प्रकार, रेप या रेप की कोशिश की 13, सम्मान के साथ जीने के अधिकार के संबंध में 77 शिकायतें महिलाओं की ओर से मिली हैं. महिलाओं ने कुल 257 शिकायतें दर्ज करवाई हैं, जिनमें से 237 पर कार्रवाई की गई है.