नई दिल्लीः भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका से वापस लाने के लिए भारत अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है. वहीं चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है. हाल ही में मेहुल चोकसी को डोमिनिका से भारत वापस लाने के लिए भेजा गया. विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल भी वापस लौट आया है. वहीं डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट का कहना है कि मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.
चोकसी के अधिकारों का होगा सम्मानः रूजवेल्ट स्केरिट
डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने कहा कि ‘‘भारतीय नागरिक’’ मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा और आगे की कार्रवाई के बारे में अदालत फैसला करेगी. 13,500 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित भगोड़े हीरा व्यापारी चोकसी के एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमयी ढंग से गायब होने के बाद 23 मई को डोमिनिका में पकड़ा गया था.
चोकसी का फैसला अदालत करेगीः रूजवेल्ट स्केरिट
डोमिनिका में पकड़े जाने के बाद स्केरिट ने पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान देते हुए कहा, ‘‘मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.’’ एक स्थानीय मीडिया संस्थान ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि चोकसी के संबंध में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी, इसका फैसला अदालत करेगी.
बता दें कि मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ पुलिस में अपनी कथित पिटाई को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. मेहुल चोकसी का कहना है कि एंटीगुआ पुलिस से होने का दावा करने वाले 8-10 लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा और उसका फोन, घड़ी और बटुआ (वॉलेट) छीन लिया. 30 मई को डोमिनिका की जेल से मेहुल चोकसी की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें वो अपनी चोट के निशान दिखाता नज़र आ रहा था. उसके हाथ पर चोट के निशान थे.
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