'हम पर न लगाएं इल्जाम, वसुंधरा सरकार ने जारी किया था आदेश', 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने के मामले पर बोली कांग्रेस
राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिरों को गिराने का मामला सामने आने के बाद बीजेपी राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है.
अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिरों को गिराने के मामले में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मंदिर को गिराने का आदेश वसुंधरा राज्य के शासन में ही जारी कर दिया गया था तो ऐसे में हमपर इलजाम लगाना गलत है.
कांग्रेस का यह पलटवार बीजेपी के उस कमेंट पर किया गया है जिसमें मंदिर पर बुलडोजर चलाने को हिंदू आस्था से जोड़ दिया गया था और ये कहा गया था कि मंदिर को तोड़कर हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
तीन मंदिरों को गिराने का मामला
राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिरों को गिराने का मामला सामने आने के बाद बीजेपी राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है. अलवर के ही सराय मोहल्ला स्थित करीब तीन सौ साल पुराने मंदिर को गिराए जाने से भड़के बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस से पूछा कि क्या यही सेक्यूलरिज्म है.
बीजेपी के आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने ट्वीटर पर लिखा- राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर... करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही कांग्रेस का सेक्यूलरिज्म है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में हाल ही में तीन मंदिरों को गिराने का मामला सामने आया है. इन मंदिरों में भगवान शिव, हनुमान जी समेत कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां थी. जिसे खंडित कर दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार मंदिर के गिराए जाने के दौरान जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए स्थानीय लोगों को रास्ते से हटा दिया.
वहीं अलवर के अधिकारियों का कहना है कि यह मंदिर को विकास के रास्ते में बाधा बन रहे थे इसलिए ये कार्रवाई करनी पड़ी. इस मंदिर के गिरने के बाद एक तरफ जहां स्थानीय लोग में नाराजगी थी वहीं हिंदू संगठन भी भड़क गए. हिंदू संगठनों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा के खिलाफ साजिश करते हुए दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए पुलिस को लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है.
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