वॉशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थायी रूप से ट्विटर अकाउंड सस्पेंड किए जाने के बाद कहा कि उन्हें और उनके समर्थकों को चुप नहीं कराया जा सकता. ट्रंप ने इस कदम के लिए ट्विटर की निंदा की है. कैलिफोर्निया से संचालित सोशल मीडिया कंपनी का यह अभूतपूर्व कदम ट्रंप के इस ट्वीट के बाद सामने आया कि वह 20 जनवरी को अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं करेंगे.
ट्विटर ने एक बयान में कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट से हाल ही में किये गये ट्वीट की गहन समीक्षा के बाद और विशेष रूप से ट्विटर पर तथा उसके बाहर की जा रही उनकी व्याख्या के संदर्भ को देखते हुए हमने आगे और हिंसा के जोखिम के मद्देनजर अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी है.’’
स्थायी निलंबन के समय ट्रंप के 8.87 करोड़ फॉलोअर थे और वह 51 लोगों को फॉलो कर रहे थे. ट्विटर पर प्रतिबंधित होने के कुछ घंटो बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘‘मुझे ऐसा होने का अनुमान था. हम दूसरी साइटों से बात कर रहे हैं और इस पर जल्द ही बड़ी घोषणा करेंगे और हम निकट भविष्य में अपना खुद का प्लेटफॉर्म बनाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं. हम चुप नहीं बैठेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि मैं लंबे समय से यह कहता आया हूं कि ट्विटर स्वतंत्र आवाजों को प्रतिबंधित करने के मामले में काफी आगे बढ़ चुका है और आज रात ट्विटर के कर्मचारियों ने इस प्लेटफॉर्म से मेरा अकाउंट हटाने के लिए डेमोक्रेट्स और अतिवादी वामपंथियों के साथ तालमेल बिठा लिया.’’ ट्रंप ने कहा कि ट्विटर भले ही निजी कंपनी हो लेकिन बिना सरकार के धारा 230 के उपहार के वे लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे.
डोनाल्ड ट्रंप के अलावा ट्विटर ने उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और ट्रंप समर्थक अटॉर्नी सिडनी पॉवेल के अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया. कैपिटल बिल्डिंग पर बुधवार को हमले के बाद सोशल मीडिया कंपनियों पर घृणा अपराधों पर कार्रवाई करने का बेहद दबाव बना हुआ है और इसमें क्यूएनॉन अकाउंटों के सफाए की बात भी है.
ट्विटर ने कहा है कि उन अकाउंटों को स्थायी तौर पर निलंबित करेंगे जो सिर्फ और सिर्फ क्यूएनॉन सामग्रियों को साझा करने के लिए हैं. क्यूएनॉन एक ऐसी सोच और विश्वास का नाम है, जिसका जन्म इंटरनेट पर हुआ है और इसमें विश्वास करने वाले लोग यह मानते हैं कि ट्रंप गुप्त तरीके से देश के दुश्मनों और शैतान की पूजा करने वाले उन लोगों से लड़ रहे हैं जो बच्चों के यौन उत्पीड़न का रैकेट चलाते हैं.
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