नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर साफ किया है कि कश्मीर मामले में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. दरअसल, भारत का ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस मुद्दे पर हम भारत और पाकिस्तान के संबंध में कश्मीर को लेकर सोच रहे हैं और अगर हम मदद कर सकते हैं तो निश्चित रूप से ऐसा करेंगे.


स्विटजरलैंड के दावोस में डॉनल्ड ट्रंप और इमरान खान की मुलाकात हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई. चर्चा के बाद ट्रंप ने कश्मीर को लेकर बयान दिया था. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ''कश्मीर मुद्दे और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट और सुसंगत रही है. मैं दोहराता हूं कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.'' अगर पाकिस्तान वास्तव में भारत के साथ सामान्य और शांतिपूर्ण सम्बन्ध चाहता है तो इसकी ज़िमेमदारी पाक पर है.






रवीश कुमार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी किसी लंबित मुद्दे पर चर्चा होगी तो शिमला और लाहौर समझौते के दायरे में होगी. यदि पाकिस्तान संबंध में सुधार करना चाहता है तो फिर उन आतंकियों और संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं करता जो भारत के खिलाफ कार्रवाई करते हैं. ये पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो आतंक, दुश्मनी और हिंसा से मुक्त अनुकूल माहौल पैदा करे. बता दें कि कल दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जब भारत से उनके देश के रिश्ते ठीक हो जाएंगे तब दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाओं के बारे में पता चलेगा.


इसके साथ ही समझौता एक्सप्रेस से जुड़े सवाल पर रवीश कुमार ने कहा कि वह अभी पाकिस्तान से यहां नहीं आया है. हमने इसके लिए कहा है. वहीं चीन के कोरोनावायरस को लेकर रवीश कुमार ने कहा कि जो लोग चीन से भारत आ रहे हैं उन्हें स्क्रीनिंग प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ेगा. गौरतलब है कि चीन से भारत आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है.