न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर कश्मीर पर मध्यस्थता की बात दोहराई है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ बैठकों में कश्मीर मामले पर चर्चा की और ‘मध्यस्थता’ के जरिए दोनों परमाणु सशस्त्र देशों की मदद करने का प्रस्ताव रखा है. ट्रंप के इस बयान पर भारत ने साफ किया है कि कश्मीर को लेकर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. पाकिस्तान से सिर्फ कश्मीर में आतंकवाद को लेकर ही बातचीत होगी.


गंभीर तनाव है, उम्मीद है कि स्थिति बेहतर होगी- ट्रंप


डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘’पाकिस्तान और भारत की बात की जाए तो हमने कश्मीर पर चर्चा की. मैंने प्रस्ताव रखा कि मैं मध्यस्थता समेत हर वह मदद करने के लिए तैयार हूं, जो मैं कर सकता हूं.’’ उन्होंने कहा कि मैं हर संभव कोशिश करूंगा, क्योंकि उनके बीच गंभीर तनाव है और उम्मीद है कि स्थिति बेहतर होगी.’’ ट्रम्प ने कहा, ‘‘दो भद्र पुरुष जो इन दो देशों का नेतृत्व कर रहे हैं, वे मेरे मित्र हैं. मैंने कहा कि वे इसका समाधान निकालें. वे परमाणु सशस्त्र देश हैं. उन्हें समाधान निकालना ही होगा.’’


बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को 40 मिनट तक द्विपक्षीय बातचीत की थी. इससे एक दिन पहले उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मुलाकात की थी. भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है.


हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट- भारत


वहीं, ट्रम्प की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री पहले ही यह बता चुके हैं. विदेश सचिव ने भी कल यही बात की.’’ कुमार ने कहा, ‘‘आप देखें कि विदेश सचिव ने कल क्या कहा, उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की मध्यस्थता के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की सहमति की आवश्यकता है.’’


विदेश सचिव विजय गोखले ने मोदी-ट्रम्प की बैठक के बाद कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से संकोच नहीं कर रहे हैं पर ऐसा होने के लिए हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए, लेकिन हमें पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही.’’


कश्मीर से 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला- भारत


भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. तभी से पाकिस्तान इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत का स्पष्ट कहना है कि जम्मू-कश्मीर से संविधान के आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाना भारत का ‘‘आंतरिक मामला’’ है.


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