नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप अपने भारत दौरे के दौरान साबरमती आश्रम पहुंचे. आश्रम में ट्रंप और मेलानिया ने चरखा चलाया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी वहां उन्हें आश्रम के बारे में जानकारी दे रहे थे.
साबरमती आश्रम के बारे में जानिए
साबरमती आश्रम अहमदाबाद के समीप साबरमती नदी के किनारे है. महात्मा गांधी जब अपने 25 साथियों के साथ दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तो 25 मई, 1915 को अहमदाबाद में कोचरब स्थान पर "सत्याग्रह आश्रम" की स्थापना की गई. दो साल बाद जुलाई 1917 में आश्रम साबरमती नदी के किनारे पर बनाया गया जो बाद में साबरमती आश्रम के नाम से प्रसिद्ध हुआ. महात्मा गांधी के प्रयोगों की शुरुआत यहीं से हुई थी. साबरमती नदी के किनारे बसा यह आश्रम आज़ादी की लड़ाई का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है.
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से ही दांडी मार्च आरम्भ किया था. बापू ने आश्रम में 1915 से 1933 तक निवास किया. जब वे साबरमती में होते थे, तो एक छोटी सी कुटिया में रहते थे जिसे आज भी "हृदय-कुञ्ज" कहा जाता है. यह ऐतिहासिक दृष्टि से अमूल्य निधि है जहां उनका डेस्क, खादी का कुर्ता, उनके पत्र आदि मौजूद हैं.
यह आश्रम महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा के निवास स्थानों में एक है और यह राष्ट्रीय स्मारक है. यह बीसवीं सदी की शुरुआत में बना है. आश्रम में अब एक गांधी स्मारक संग्रहालय और एक कमरे में गांधी का चरखा और मेज भी रखी है.
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