Congress Crowdfunding: 5 राज्यों में चुनावी नतीजे मनमुताबिक नहीं आने के बाद भी कांग्रेस के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है. एक तरफ पार्टी भारत जोड़ो यात्रा का पार्ट 2 शुरू करने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले ऑनलाइन चंदा इकट्ठा करने के लिए ‘देश के लिए दान’ नाम से अभियान शुरू करने का फैसला किया है. कांग्रेस के अभियान की टैगलाइन होगी बेहतर देश के लिए कांग्रेस को आपकी जरूरत है, भारत को आपकी जरूरत है.


इस मामले पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है कि 'डोनेट फॉर देश' के लॉन्च की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है. ये किसी भी पार्टी की ओर से किया गया सबसे बड़ा क्राउड फंडिंग होगा. अब समझिए. 'डोनेट फॉर देश' अभियान में कांग्रेस महासचिव जिस क्राउडफंडिंग की बात कर रहे हैं आखिर ये क्राउडफंडिंग है क्या और कांग्रेस को चंदे की जरूरत क्यो आन पड़ी?


क्या होती है क्राउडफंडिंग


क्राउडफंडिंग किसी खास प्रोजेक्ट, बिजनेस वेंचर या सामाजिक कल्याण के लिए आम जनता से छोटी-छोटी रकम जुटाने की प्रक्रिया है. इसमें किसी वेबसाइट, app या वेब आधारित प्लेटफॉर्म या सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया जाता है. इनके जरिए फंड जुटाने वाला व्यक्ति या संस्था संभावित दानादाताओं या निवेशकों को फंड जुटाने की वजह बताता है और उस मुहिम में आम जनता कैसे योगदान कर सकती हैं. उसका भी पूरा ब्योरा भी दिया जाता है.


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी अपने क्राउडफंडिंग के लिए वेबसाइट पर पूरा ब्यौरा दिया है. 18 साल से अधिक उम्र के भारतीय इस अभियान के जरिये 138 रुपये, 1,380 रुपये, 13,800 रुपये या फिर इससे 10 गुने की राशि चंदे के रूप में दे सकते हैं.


कांग्रेस को क्यो पड़ी इसकी जरूरत?


आखिर कांग्रेस को इस crowdfunding की जरूरत क्यों पड़ गई? दरअसल इसके जरिए पार्टी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है. पहला तो है पैसा. जो साफ साफ नजर आ रहा है लेकिन पार्टी के लिए सबसे अहम है दूसरा सबसे अहम मुद्दा और वो है public connect. यानि जनता से जुड़ाव.  


दरअसल, कांग्रेस पार्टी का ये अभियान 18 दिसंबर से शुरू होकर 28 दिसंबर तक चलने वाला है. इसके जरिए पार्टी जनता से ऑनलाइन कनेक्ट करने की कोशिश करेगी लेकिन पार्टी का अभियान सिर्फ 10 दिन के बाद ही खत्म नहीं होगा. ऑनलाइन अभियान के बाद पार्टी जमीन पर उतरेगी. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर, स्थापना दिवस तक ऑनलाइन रहेगा, जिसके बाद हम जमीनी अभियान शुरू करेंगे, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर दान मागेंगे। हर बूथ में कम से कम दस घरों को टारगेट किया जाएगा और हर घर से कम से कम 138 रुपये का दान देना शामिल है.


क्या 2024 की पब्लिक से कनेक्ट करने की नई रणनीति है


ये भी संभव है कि जो चंदा देगा, वो लोकसभा के लिए वोट भी देगा? इसी साल सितंबर में द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानि ADR की एक रिपोर्ट सामने आई थी. जिसके इसके मुताबिक, देश की 8 नेशनल पार्टियों की घोषित संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ रुपए तक बढ़ गई है. ADR की रिपोर्ट में सिर्फ 8 पार्टियों का ही जिक्र है.


इस रिपोर्ट की मानें तो साल 2020-21 में BJP की कुल संपति 4990 करोड़ रूपए की थी जो साल 2021-22 में 1056 करोड़ रूपए बढ़कर 6046 करोड़ रूपए हो गई. दूसरी तरफ कांग्रेस की संपति उस अनुपात में नहीं बढ़ी. रिपोर्ट में साल 2020-21 में कांग्रेस की कुल संपति 691 करोड़ रूपए की थी जो साल 2021-22 में 114 करोड़ रूपए बढ़कर 805 करोड़ रूपए ही हो पाई.


हालांकि पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की मानें तो कांग्रेस का ये अभियान पार्टी की 138 साल की यात्रा का जश्न है और ये पहल 1920-21 में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक 'तिलक स्वराज कोष' से प्रेरित है. असहयोग आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने सन 1921 में बाल गंगाधर तिलक के नाम पर तिलक स्वराज फंड की स्थापना की और पूरे देश से उस फंड में दान देने की अपील की. तिलक की पहली पुण्यतिथि एक जुलाई 1921 को आ रही थी, इसलिए महात्मा गांधी ने 30 जून तक एक करोड़ रुपए इकट्ठा करने का टारगेट तय किया.


देखते ही देखते महात्मा गांधी को पूरे देश से सहयोग मिलने लगा. उस समय एक तरफ बंगाल से 25 लाख रुपये मिले तो दूसरी तरफ बंबई ने तिलक फंड में साढ़े सैंतीस लाख रुपये जमा किए. अब की कांग्रेस आजादी के पहले की नेटवर्किंग और उसी तरह की क्राउड फंडिग का इस्तेमाल करना चाहती है.


बीजेपी ने भी शुरू किया था चंदा अभियान 


ये तो आपने समझ लिया कि कांग्रेस पार्टी ने पहली बार crowd funding की अपील नहीं की है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसने crowd funding या आसान शब्दों में कहे चंदे की मांग की है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी हाल ही में अपनी पार्टी के लिए crowd funding के लिए कैंपेन चलाया था. BJP ने 'भारत रत्‍न' अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती के मौके पर चंदा देने का अभियान शुरू किया था.


जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी फंड में 1000 रुपये दान किए थे. तब गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत कई नेताओं ने सोशल मीडिया अकाउंट पर 1000 रुपये की पर्ची शेयर की थी. बीजेपी ने कांग्रेस के 'डोनेट फॉर देश' अभियान पर तंज कसा है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है और ट्वीट कर इसे 'वंशवाद के लिए दान योजना' बताया है.


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