पुलिस वालों के पौधे नष्ट करने पर गधों को मिली जेल की सजा
इस पूरे मामले पर जेलर का कहना है कि पचास-साठ हजार रुपये खर्च करके पौधे लगवाए गए हैं, गधों को ना तो अरेस्ट किया जा सकता है और ना ही एडजस्ट किया जा सकता है. गधों के मालिकों को बुलाकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उरई जेल के बाहर लगे पेड़ पौधों और जेल स्टाफ की कालोनी की बगिया को नष्ट करना आठ गधों को महंगा पड़ गया. जेल स्टाफ ने गधों को कैद कर बच्चा जेल में बंद कर दिया. सोमवार सुबह काफी दिनों से बंद पड़ी उरई जेल की बच्चा जेल का नज़ारा देखने लायक था. बच्चा जेल से 4 दिनों से बंद 8 गधे रिहा हो रहे थे.
जानकारी के मुताबिक जेल अधिकारियों ने गधे के मालिक को कई बार मना किया था वो अपने गधे इदर ना छोड़े. जेल पुलिस ने सबक सिखाने के लिए चार दिन के लिए गधों को जेल में बंद कर दिया. गधों की रिहाई भी इतनी आसानी से नहीं हुई, गधे के मालिक ने पहले तो जेलर से गुहार लगाई. इसके बाद स्थानीय बीजेपी नेता शक्ति गहोई से कहलवाने के गधों को आजादी मिली.
इस पूरे मामले पर जेलर का कहना है कि पचास-साठ हजार रुपये खर्च करके पौधे लगवाए गए हैं, गधों को ना तो अरेस्ट किया जा सकता है और ना ही एडजस्ट किया जा सकता है. गधों के मालिकों को बुलाकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.