नई दिल्ली: अब महिलाओं को भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानी एनडीए में दाखिला मिल सकेगा. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने महिलाओं को एनडीए के जरिए सेना में स्थायी कमीशन देने का निर्णय लिया है. कोर्ट ने इस पर खुशी जताते हुए सरकार से लिखित हलफनामा दाखिल करने को कहा.
अब तक एनडीए के दरवाजे लड़कियों के लिए बंद रहे हैं. वहां सिर्फ लड़कों को ही दाखिला मिलता है. इसे भेदभाव बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका दाखिल हुई थी. 18 अगस्त को कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि इस साल होने वाली एनडीए की प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को भी शामिल होने दिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि दाखिले पर अंतिम फैसला बाद में किया जाएगा.
आज मामले की सुनवाई शुरू होते ही एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से कहा, "मैं एक अच्छी खबर देना चाहती हूँ. सरकार ने कल ही निर्णय लिया है कि लड़कियों को एनडीए और नेवल एकेडमी में प्रवेश मिलेगा. लेकिन हम अनुरोध करना चाहते हैं कि इस साल की परीक्षा को लेकर यथास्थिति बनी रहने दी जाए. यह परीक्षा जून में होनी थी उसे कोरोना के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया था. परीक्षा में इसी साल बदलाव से काफी समस्याएं आएंगी."
2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस संजय किशन कौल ने सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा, "हमें खुशी है कि सेना ने खुद ही इस दिशा में पहल की है. सेना का सम्मान है, लेकिन उसे लैंगिक समानता को लेकर बहुत कुछ करने की जरूरत है. महिलाएं जो भूमिका निभा रही हैं, उसके महत्व को समझा जाना चाहिए. अगर यह निर्णय पहले लिया गया होता, तो हमें कोई आदेश देने की जरूरत नहीं पड़ती." कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह सरकार की तरफ से लिए गए निर्णय पर लिखित हलफनामा दाखिल करें.
जजों ने इस साल की परीक्षा में कोई बदलाव न करने पर विचार का संकेत देते हुए कहा, "आप 20 सितंबर तक हलफनामा दाखिल कर बताएं कि याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर क्या किया जा रहा है. हम 22 सितंबर को अगली सुनवाई करेंगे. तब आपके अनुरोध पर विचार किया जाएगा."
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