10 राज्यों में कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन, जानिए किस राज्य में यूके का वैरिएंट भी मिला
देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की एक बड़ी वजह वायरस में मिले डबल स्ट्रेन है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालांकि इसकी सौ फीसदी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन डबल म्यूटेशन का संक्रमण में बहुत बड़ा हाथ है.
देश में कोरोना की भयाभह स्थिति उत्पन्न हो गई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के मामले 2 लाख से ज्यादा हो गए हैं. अब देश के 10 राज्यों में विदेश से आए कोरोना के डबल स्ट्रेन की पुष्टि हो गई है. हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक 10 राज्यों के मरीजों में डबल म्यूटेशन के साथ कोविड वायरस में नए स्ट्रेन मिले हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां के मरीजों में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक म्यूटेंट कोरोना वायरस को लोगों में तेजी से फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक यह पूरी तौर पर साबित नहीं हुआ है कि डबल स्ट्रेन ही कोरोना वायरस को तेजी से फैलाने के लिए जिम्मेदार है. करीब 14000 जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर डबल म्यूटेंट की पुख्ता जानकारी सामने आई है. मरने वालों और गंभीरता को लेकर म्यूटेंट की भूमिका का विश्लेषण किया जा रहा है.
दिल्ली में ब्रिटेन के भी वैरिएंट
दिल्ली में ब्रिटेन वेरिएंट और डबल म्यूटेंट भी पाया गया है. दिल्ली से मिली जुली स्थिति पंजाब में है. राज्य में 80 फीसदी यूके वेरिएंट पाया गया है. मुंबई में डबल म्यूटेंट नहीं है महाराष्ट्र में करीब 60 फीसदी है. 18-19 राज्य में यूके वेरिएंट मिला है, यह पता लगाया जा रहा है कि प्रीलिमिनरी इन्फेक्शन, री इन्फेक्शन में इनकी भूमिका है या नहीं. सिवेरिटी में भूमिका है या नही, डेथ में है या नहीं और वैक्सीन पर क्या असर होगा.
70 से 80 जिलों में यूके के वैरिएंड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन-जिन राज्यों में डबल म्यूटेंट की मौजूदगी है, उन राज्यों से इस जानकारी को साझा किया जा रहा है. तेजी से संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए एक सरकार नीति निर्णय लेती है. इसे स्टेट सर्विलांस ऑफिसर से साझा किया जाता है. स्टेट सर्विलांस ऑफिसर स्थिति के हिसाब से ग्राउंड पर एक्चुअल एक्शन प्लान करने में मदद मिलती है. जिलेवार तरीके से म्यूटेंट की जानकारी रहती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के वेरिएंट देश के 70-80 जिलों में मिले हैं. वहीं साउथ अफ्रीकन और ब्राजीलियन वैरिएंट की मौजूदगी कम जिलों तक ही सीमित है.
क्या है डबल म्यूटेशन
किसी भी जीव में अपनी सर्वाइवल को बरकरार रखने के लिए उसके जीन में जो परिवर्तन होता है, उसे म्यूटेशन कहते हैं. भारत में वैज्ञानिकों ने SARS-CoV-2 में डबल म्यूटेशन को देखा है. इन दोनों म्यूटेशन को E484Q और L452R mutations नाम दिया गया है.यह एक समय में दो बार खुद को म्यूटेट कर लेता है. साधारण भाषा में कहे तो वायरस जिंदा रहने के लिए बाहरी आक्रमण को झेल पाए, इसके लिए वह खुद को बदल लेता है. जब इससे भी सुरक्षा न हो पाए तब दोबारा वह खुद को बदल लेता है. यही कारण है यह वायरस इस बार तेजी से फैल रहा है.
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