जम्मू: कोरोना महामारी के चलते इस साल की अमरनाथ यात्रा पर संशय बना हुआ है, लेकिन पूरे देश की तरह जम्मू-कश्मीर भी करोना से उभर रहा है जिसके चलते अब प्रदेश के व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था चेंबर ऑफ कॉमर्स में केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि इस यात्रा को रद्द नहीं किया जाए. चेंबर ऑफ कॉमर्स का दावा है कि अगर इस साल अमरनाथ यात्रा रद्द हो जाती है तो जम्मू के व्यापारियों को करीब 20000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा.


जम्मू में व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक सरकार को इस बार अमरनाथ यात्रा को रद्द नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे प्रदेश के व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.


चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रधान अरुण गुप्ता के मुताबिक पिछले डेढ़ महीने से जम्मू के व्यापारियों को 5000 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है और अगर ऐसा यात्रा रद्द होती है तो जम्मू के व्यापारियों को 20000 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ सकता है.


अरुण गुप्ता के मुताबिक अगर चार धाम यात्रा और वैष्णो देवी की यात्रा को रद्द नहीं किया गया तो अमरनाथ यात्रा को क्यों रोका जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो इस साल एसओपी के साथ इस यात्रा को कराया जा सकता है.


अरुण गुप्ता के मुताबिक पहले जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटी और उसके अगले साल करुणा महामारी के चलते अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया और इस साल भी यात्रा पर संशय बना हुआ है, ऐसे में केंद्र सरकार को वैष्णो देवी और चार धाम यात्रा की तर्ज पर अमरनाथ यात्रा को करवाने की इजाजत दे दी देनी चाहिए.


उन्होंने कहा कि अगर सरकार वैष्णो देवी यात्रियों के लिए एसओपी जारी कर सकती है तो उन्हीं एसओपी इसके तहत अमरनाथ यात्रा भी करवाई जा सकती है. अरुण गुप्ता के मुताबिक अगर सरकार इस बार अमरनाथ यात्रा करवाती है तो इसका सीधा असर तो इसका सीधा असर जम्मू के व्यापार पर पड़ेगा क्योंकि जम्मू का व्यापार पर्यटन पर आधारित है.


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