भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से औपचारिक बातचीत नहीं है. दोनों देशों के नेता किसी समारोह में यदा-कदा टकरा जाते हैं. इस साल की शुरुआत में दोनों देशों के विदेश मंत्री दुशांबे में मिले थे लेकिन दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हुई थी. अब एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के उच्चाधिकारी एक समारोह में आमने-सामने होंगे. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ताजिकिस्तान के दुशांबे में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने अगले सप्ताह ताजिकिस्तान जाएंगे. यह बैठक 23 और 24 जून को होगी. इस बैठक में पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ भी भाग लेंगे.  


द्विपक्षीय बातचीत के संकेत 
हालांकि अभी इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि भारत और पाकिस्तान के एनएसए के बीच यह बैठक द्विपक्षीय होगी या एक समूह के साथ होगी लेकिन जिस तरह फरवरी से दोनों देशों के बीच सीजफायर है, उससे लग रहा है कि दोनों देशों के बीच इस संबंध में एक समीक्षा बैठक की जा सकती है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर बाजवा ने कहा था कि अजीत डोभाल और आईएसआई चीफ फैज हमीद के बीच आबु धाबी में बैठक हुई थी. संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की थी. भारत ने भी इस खबर का खंडन नहीं किया. भारत और पाकिस्तान के बीच वीजा सहित कई मुद्दों पर बातचीत पिछले तीन साल से रुकी हुई है. 


पिछले साल डोभाल बीच बैठक से चले गए थे बाहर 
पाकिस्तान द्वारा सभा के एजेंडे का उल्लंघन करते हुए एक काल्पनिक नक्शा दिखाए जाने के बाद एनएसए अजीत डोभाल भड़क गए थे और वे वर्चुअल बैठक का विरोध करते हुए बाहर निकल गए थे. वहीं इससे पहले मार्च और अप्रैल में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एसएम कुरैशी हार्ट ऑफ एशिया बैठक के लिए दुशांबे में थे लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई थी. इस साल यह बैठक अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद उत्पन्न होने वाली स्थितियों को लेकर बैठक हो रही है. वैसे एससीओ के सदस्य देशों के सुरक्षा सलाहकारों के बीच हर साल बैठक होती है. 


क्या है शंघाई सहयोग संगठन 
2021 में ताजिकिस्तान इस समूह का अध्यक्ष है. वहीं इससे पहले ताजिकिस्तान ने 2020 के नवंबर में एससीओ स्टेट काउंसिल के प्रमुखों की बैठक की भी अध्यक्षता की थी. एससीओ के विशेष रूप से 8 सदस्य देश हैं. इनमें रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश अर्थात कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान हैं. 2017 में भारत और पाकिस्तान आधिकारिक रूप से पूर्ण सदस्य के रूप में समूह में इस संगठन में शामिल हुए और नवंबर 2020 में भारत ने शंघाई सहयोग संगठन के प्रमुखों की सरकारी बैठक की मेजबानी की थी, जिसकी अध्यक्षता भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने की थी.


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