नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ फिरोज खान ने संकाय कला के संस्कृत विभाग में पढ़ाने के लिए आवेदन दिया है. इससे पहले संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान में उनकी नियुक्त का विरोध हो रहा था. जिसके बाद अब उन्होंने धरना प्रदर्शन को खत्म करने के उद्देश्य से संस्कृत विभाग में पढ़ाने की इच्छा जताई है. फिरोज खान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर उनकी नियुक्ति हो जाती है तब वो संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान छोड़ देंगे. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान में पढ़ाने के बजाय डॉ फिरोज खान संस्कृत विभाग में पढ़ाना ज्यादा पसंद करेंगे. इसके अलावा प्रोफेसर फिरोज ने बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में पढ़ाने के लिए भी आवेदन दिया है.


डॉ खान का विरोध छात्र उनके मुस्लिम पहचान को लेकर कर रहे थे. उनका विरोध इस बात पर था कि सनातन धर्म और कर्मकांड पढ़ाने के लिए डॉ फिरोज उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं. जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था उनकी नियुक्ति सारे नियम कायदे को ध्यान में रखते हुई की गई है. लेकिन वाइस चांसलर के आश्वासन पर भी छात्र नहीं माने. जिसकी वजह से फिरोज एक भी क्लास को नहीं पढ़ा पाये. आखिरकार यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों में जारी गतिरोध को देखते हुए उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन दिया और अपने घर जयपुर चले गये.


हालांकि आरएसएस ने भी छात्रों के विरोध प्रदर्शन को गलत ठहराया था. और डॉ फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने को लेकर समर्थन में विज्ञप्ति भी जारी की थी. लेकिन इसके बावजूद विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा था.


आपको बता दें कि कला संकाय के संस्कृत विभाग में प्राच्य विद्या, संस्कृति, दर्शन शास्त्र, वैद्यिक और शास्त्रीय संस्कृत की शिक्षा दी जाती है.