Tribute To Manmohan Singh: जब YSR के खिलाफ जाकर मनमोहन सिंह ने चंद्रबाबू नायडू को दी सुरक्षा, बेटे नारा लोकेश ने बताई घटना
Manmohan Singh: डॉ. मनमोहन सिंह के निधन ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है. उनकी सादगी, उदारता और देश के प्रति समर्पण ने उन्हें राजनीति के साथ-साथ मानवता का एक आदर्श प्रतीक बना दिया.
Manmohan Singh Legacy: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देशभर में शोक की लहर है. उनके निधन की खबर सुनते ही राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. डॉ. सिंह के जीवन के अनेक पहलू जैसे उनकी सादगी, राजनीति में उनका योगदान और उनका उदार दृष्टिकोण अब चर्चा का विषय बने हुए हैं.
एनडीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने डॉ. सिंह के योगदान का जिक्र करते हुए बताया कि 2004 में जब नक्सली हमले के बाद उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में कटौती की गई थी तब डॉ. मनमोहन सिंह ने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था. नारा लोकेश ने कहा "तब मेरे पिता ने प्रधानमंत्री से सुरक्षा बहाल करने का अनुरोध किया था. डॉ. सिंह ने न सिर्फ इसे गंभीरता से लिया बल्कि कांग्रेस सरकार के विरोध के बावजूद एनएसजी सुरक्षा प्रदान भी की."
मंत्री नारा लोकेश ने डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में क्या कहा?
डॉ. मनमोहन सिंह ने इस दौरान ये दिखाया कि राजनीति से ऊपर देशहित है. नारा लोकेश ने बताया कि डॉ. सिंह ने चंद्रबाबू नायडू से कहा था "आप देश के लिए अहम हैं. जब तक आप हैदराबाद पहुंचेंगे आपकी सुरक्षा तैयार हो जाएगी." इस फैसले ने डॉ. सिंह को एक उदार राजनेता और संवेदनशील इंसान के रूप में स्थापित किया.
नायडू परिवार का डॉ. सिंह के प्रति आभार
नारा लोकेश ने कहा "डॉ. मनमोहन सिंह जैसे राजनेता बहुत कम ही होते हैं. उनके इस कदम के लिए हमारा परिवार हमेशा उनका आभारी रहेगा. उनकी उदारता और बड़ा दिल हमेशा याद रहेगा." चंद्रबाबू नायडू ने भी डॉ. सिंह को एक "बुद्धिमान और संवेदनशील नेता" बताते हुए कहा कि उनकी मृत्यु देश के लिए एक बड़ी क्षति है.
डॉ. सिंह का जाना देश के लिए एक युग का अंत है- चंद्रबाबू नायडू
डॉ. सिंह को उनके दिल्ली स्थित आवास पर श्रद्धांजलि देने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कहा "डॉ. मनमोहन सिंह का नेतृत्व और उनकी नीतियां हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी. उन्होंने देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और लाखों लोगों का जीवन बेहतर किया. उनकी विदाई एक युग के अंत की तरह है."
डॉ. सिंह ने दिल्ली के AIMS में ली आखिरी सांस
92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार (26 दिसंबर) की रात एम्स में हुआ था. दिन में उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. एम्स ने एक बयान में कहा "उनके निधन से देश ने एक सच्चा राजनेता और बुद्धिजीवी खो को दिया." डॉ. सिंह ने अपने जीवन में आर्थिक सुधारों से लेकर प्रधानमंत्री के रूप में सेवा तक हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी. उनकी सादगी, ईमानदारी और देशहित के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे. उनका निधन भारत के लिए अपूरणीय क्षति है.
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