नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में देश के लाखों-करोड़ों श्रद्धालु अपनी-अपनी तरह से अपना सहयोग देना चाहते हैं. हालांकि कोरोना के चलते अभी फिलहाल गिने-चुने लोगों को ही भूमि पूजन में शामिल होने की अनुमति दी गई है. लेकिन इन सबके बीच लाखों-करोड़ों लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि जब मौका मिले तो अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए अपना सहयोग दे सकें.
इसी तरह की चाह दिल्ली के दरियागंज के रहने वाले डॉक्टर संजय गुप्ता भी रखते हैं. डॉक्टर संजय गुप्ता कि ख्वाहिश है कि उनको प्रभु श्री राम के शिलान्यास के दौरान पांच महासागरों के लाए गए जल को अर्पित करने की अनुमति मिले.
डॉक्टर संजय गुप्ता फिलहाल अपने घर में ही भजन पूजन कर रहे हैं. इनके घर के मंदिर में ही महासागरों का जल रखा हुआ है जिसको लेकर वह अयोध्या जाना चाहते हैं. डॉक्टर संजय गुप्ता के मुताबिक ये जल विश्व के पांच महासागरों से इकट्ठा किया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले 15 सालों में यह जल इकट्ठा किया गया है.
डॉक्टर संजय गुप्ता के मुताबिक जब इन्होंने जल एकत्रित करना शुरू किया तो उनका उद्देश्य था की कैलाश पर्वत पहुंचकर वहां पर इस जल से रुद्राभिषेक करें. फिलहाल कैलाश पर्वत जाना नहीं हो पाया लेकिन इस बीच श्री राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख आ गई, जिसके बाद इन्होंने तय किया कि अगर मौका मिलता है तो इस जल को श्री राम मंदिर शिलान्यास के दौरान अर्पित करेंगे.
डॉक्टर संजय गुप्ता के मुताबिक उन्होंने यह जल विश्व के पांच महासागरों में जाकर खुद ही एकत्रित किया है. इसके लिए उन्होंने अलग-अलग देशों का दौरा किया और उन जगहों तक पहुंचे जहां से इनको जल इकट्ठा करना था.
डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि इसकी शुरुआत हुई साल 2005 से हुई थी. कन्याकुमारी में सागरों के त्रिवेणी संगम यानी कि बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, हिन्द महासागर का जल लिया. इसके बाद साल 2010 में अमेरिका के बोस्टन शहर से अटलांटिक महासागर से जल एकत्रित किया. वहीं साल 2012 में साउथ अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप स्थान से हिन्द महासागर एवं अटलांटिक महासागर के संगम से जल लिया.
साल 2014 में अंटार्कटिका महासागर और आर्कटिक महासागर से जल इकट्ठा किया. इसके लिए डॉ संजय गुप्ता दक्षिणी अमेरिका के अर्जेंटीना देश के दक्षिणी कोने तक पानी के जहाज़ से गए जहां पर प्रशांत महासागर, एवं अंटार्कटिका महासागर का संगम ड्रेक पैसेज में होता है. गुप्ता को यहां से जल लाने में लगभग ग्यारह दिन का वक्त लगा.
इसके बाद आर्कटिक महासागर से जल लाने के लिए पानी के जहाज़ से चौहत्तर डिग्री अक्षांश में नॉर्वे देश के ट्रोमसो शहर के आगे गए और वहां जाकर जल एकत्रित किया औरर इस साल की शुरुआत में ही पेरू देश के लीमा शहर से प्रशांत महासागर का जल एकत्रित किया.
अब जबकि यह पांच महासागरों का पवित्र जल इकट्ठा हो गया है तो डॉ गुप्ता की ख्वाहिश है कि इसको श्री राम जन्मभूमि के लिए अर्पित कर सकें.
डॉक्टर संजय गुप्ता की ये ख्वाहिश अभी पूरी हो पाएगी ऐसा तो मुमकिन नहीं लगता क्योंकि भूमि पूजन के दौरान सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही अयोध्या पहुंचने की अनुमति है. लेकिन अपनी इच्छा को डॉक्टर संजय आने वाले वक्त में जरूर पूरा कर सकते हैं.
डॉक्टर संजय जैसे देश में लाखों-करोड़ों लोग हैं जो इस तरह की इच्छा रखते हैं लेकिन कोरोना काल के चलते हैं फिलहाल ऐसे सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वह अपने घरों में रहकर वहीं से टीवी के जरिए श्री राम जन्मभूमि के भूमि पूजन के दर्शन करें.
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