नई दिल्ली: दिल्ली की रहने वाली उज्मा इसी महीने घूमने पाकिस्तान गई थी. उसका मकसद पाकिस्तान के ताहिर से मिलना था जिससे उसकी जान पहचान मलेशिया में हुई थी. लेकिन उज्मा ने बताया कि एक बार पाकिस्तान की हद में पांव रखते ही उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई. ताहिर ने न सिर्फ उसको बंधक बनाकर रखा. बल्कि निकाहनामों जैसे दस्तावेजों पर जबरद्स्ती साइन करवा लिए.
मैं पाकिस्तान सिर्फ घूमने गई थी
उज्मा ने कहा, ''मैं पाकिस्तान सिर्फ घूमने गयी थी, मुझे लगा था एक तारीख को जाऊं फिर 10 या 12 तारीख तक वापस आ जाऊंगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. सिचुएशन इस तरीके से बदली कि पता ही नहीं चला कि कब ताहिर ने मुझे स्लीपिंग पिल्स दीं और कब मैं सोई. मेरे हिसाब से तो आप इसे किडनैपिंग भी बोल सकते हो. वहां मैंने देखा कि एक बहुत अजीब गांव था, भाषा अजीब थी, लोग अजीब थे. वहां पर कुछ भी सही नहीं था.''
मुझे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर प्रताड़ित किया
उज्मा ने बताया, ''मुझे अभी समझ नहीं आ रहा कि आपको अपनी कहानी कैसे सुनाऊं. बुनेर गांव को अगर आप गूगल पर सर्च करोगे तो पता चलेगा कि 2008-2010 तक वहां पर तालिबान का कब्जा था. बुनेर में कई तरह के मिलेट्री ऑपरेशन भी होते रहते हैं. वहां ताहिर ने मुझे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर प्रताड़ित किया. मुझे धमकी भी दी गयी कि दिल्ली में भी हमारे रिश्तेदार हैं अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगी तो दिल्ली में तुम्हारी बेटी को अगवा करवा लेंगे. मेरी बच्ची को लेकर उन्होंने जो खौफ दिखाया उसी के चलते मैंने साइन किए.''
भारतीय नागरिक होना गर्व की बात
उज्मा ने कहा, ''मैं वहां से निकली इसका पूरा श्रेय सुषमा मैम और जेपी सिंह सर (भारतीय उच्चायोग में डिप्टी उच्चायुक्त) को जाता है. मुझे गोद लिया गया था, मेरी मां-बहन या पिता नहीं हैं. आज मुझे पहली बार पता चला कि मेरी जिंदगी की कोई कीमत है. भारतीय नागरिक होना अपने आप में एक गर्व का विषय है. मैं जब वहां परेशान होती थी तो सुषमा मैम का फोन आथा कि बेटा आप परेशान ना होना. हम आपके लिए लड़ रहे हैं. तुम हिन्दुस्तान की बेटी हो, मेरी बेटी हो. इससे मुझे हिम्मत बंधती थी कि मेरे लिए मेरा देश और मेरी सरकार इतना कुछ कर रही है.''
दो-चार दिन और रुकती तो वो मुझे वहां मार देते
उज्मा ने कहा, "मैं ताहिर को बहुत मुश्किल से इंडियन हाईकमीशन लेकर आयी थी. शायद मेरी जगह कोई और होता तो वहां के हालात देख वहां से ना निकल पाती. अगर मैं वहां दो-चार दिन और रुकती तो शायद वो मुझे वहां मार देते या फिर किसी सो बेच देते. बुनेर में शायद अभी मुझे जैसी और भी लड़कियां होगीं. यह जरूरी नहीं है कि भारतीय हों. वहां पर किसी का अपना कोई बिजनेस नहीं है, सब मलेशिया में रहते हैं और वहां लड़कियों को बहला फुसला कर लाते हैं.''
सुषमा मैम ने कहा- तुम्हें दो साल भी उच्चयोग में रखना पड़ा तो रखेंगे
उज्मा ने कहा, ”मेरे लिए यह बड़ी बात है कि भारतीय उच्चायोग ने मुझे पर भोरास किया. मैंने पाकिस्तान में डिप्टी हाई कमिश्नर को अपनी बात बतायी. वहां मुझसे कहा गया कि हम आपको बाहर नहीं जाने देंगे और आपकी मदद करेंगे. सुषमा मैम ने खुद ऑर्डर किया कि कुछ भी हो जाए बच्ची को ताहिर तक ना जाने दिया जाए. सुषमा मैम ने मुझसे बात करके तसल्ली दी. मैंने पहली बार अपने लिए किसी से इतने अच्छे शब्द सुने. कोर्ट में मेरी सुनवाई से पांच मिनट पहले भी सुषमा मैम ने फोन करके पूरी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें दो साल भी उच्चयोग में रखना पड़ा तो रखेंगे लेकिन वापस जरूर लाएंगे.”
पाकिस्तान मौत का कुआं, जाना आसान लेकिन आना नहीं- उज्मा
उज्मा ने बताया, ”पाकिस्तान मौत का कुआं है, वहां जाना आसान है लेकिन आना मुश्किल है. मैं सभी को सलाह दूंगी कि कभी पाकिस्तान ना जाना. पाकिस्तान को लेकर मेरे मन में खौफ बैठ गया है. हमारा देश भारत बहुत अच्छा है. हमारे पास सुषमा मैम जैसी विदेश मंत्री हैं. मैंने दो-तीन देश देखे हैं लेकिन मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूं.”
मोदी जी को भी धन्यवाद देना चाहती हूं- उज्मा
उज्मा ने बताया, ”मैं सुषमा मैम को बहुत धन्यवाद देती हूं लेकिन मेरी उनसे रिक्वेस्ट है कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी जी से भी मिलकर धन्यवाद देने का मौका दिया जाए.”