नई दिल्ली: भारत सरकार अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन से उनकी सिंगल डोज़ (एक खुराक) कोरोना वैक्सीन को लेकर बातचीत कर रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पाल ने ये जानकारी दी.


डॉ वीके पॉल ने बताया कि जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का उत्पादन बाहर होता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्लान के मुताबिक इस वैक्सीन का उत्पादन हैदराबाद के बायो ई में भी किया जाएगा.


आपको बता दें कि फिलहाल देश में 4 कोरोना वैक्सीन को इमेरजेंसी इस्तेमाल की इजाज़त मिली है, जिनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक वी और मॉडर्ना की वैक्सीन शामिल है. 



सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी कर रही मूल्यांकन


डॉ वीके पॉल ने बताया कि जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) की एप्लीकेशन इस वक्त डीसीजीआई के पास है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी द्वारा मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है. हम सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. ये एक गर्व का पल होगा क्योंकि ये खास तकनीक है. इससे हमारे वैक्सीन प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.


डॉ पॉल ने कहा कि अगर ये वैक्सीन सभी साइंटिफिक पैरामीटर से उभरकर आता है तो हमारे वैक्सीन कार्यक्रम में इसकी वजह से बहुत तेज गति और उर्जा आएगी. हम इसका इंतज़ार कर रहे हैं. दाम के बारे में अभी उन्होंने हमें नहीं बताया है. ये उनसे ही पता करना होगा.


गौरतलब है कि ये वैक्सीन तीन डोज वाली होगी. कंपनी का दावा है कि ये वैक्सीन वयस्कों के साथ 12 से 18 साल के बच्चों को भी लगाई जा सकती है. कंपनी ने करीब 28 हजार लोगों पर ट्रायल पूरा करने के बाद इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल की मंजूरी को लेकर डीसीजीआई को आवेदन दिया है.


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