Dr Zakir Naik on Beef: पाकिस्तान में जाकिर नाइक ने दिया गोमांस पर बयान, बोला- 'इस्लाम में इसे खाना फर्ज नहीं'
Dr Zakir Naik in Pakistan: भारत से भगोड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण के बाद करीब तीन हफ्ते के लिए पाक पहुंचा हुआ है. वह वहां कई नमाज सभा का आयोजन करेगा.
Dr Zakir Naik on Beef: इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है. सोमवार को पाकिस्तान पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया. पाक पहुंचने के बाद जाकिर ने कई न्यूज चैनल से भी बात की. इसी कड़ी में उसने एक चैनल से बात करते हुए गोमांस को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिसकी चर्चा खूब हो रही है.
दरअसल, पाकिस्तान के जियो न्यूज के रिपोर्टर ने जब जाकिर नाइक से पूछा कि क्या भारत के मुसलमानों को गोमांस पर प्रतिबंध का पालन करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में जाकिर नाइक ने कहा, “एक निजी राय और एक इस्लामी राय होती है. इस्लामी शरीयत ये कहता है कि जिस भी मुल्क में आप रह रहे हैं, उस मुल्क के कानून का आप पालन करें जब तक कि वो मुल्क अल्लाह और रसूल के कानून के खिलाफ न जाए. मिसाल के तौर पर कोई मुल्क नमाज पर पाबंदी लगाता है तो ये कानून नहीं माना जाएगा क्योंकि नमाज इस्लाम में फर्ज (अनिवार्य) है.”
معروف عالم دین اور مبلغ اسلام جن کے نام سے بھارت کی کانپیں ٹانگ جاتی ہیں ان کا ایک تاریخی انٹرویو جس میں ان کے دورہ پاکستان کے حوالے سے بھی بات کی گئی ہے #DrZakirNaik #ZakirNaikInPakistan pic.twitter.com/YLXrURAtmB
— Irfan Siddiqui (@IrfanJangNews) October 1, 2024
'बीफ बैन एक राजनीतिक मुद्दा'
जाकिर नाइक ने आगे कहा, “गोमांस खाना इस्लाम में फर्ज नहीं है. अगर कोई पाबंदी लगाता है तो हमें इसका पालन करना चाहिए. निजी राय मुझसे पूछेंगे तो बीफ बैन एक राजनीतिक मुद्दा है क्योंकि करोड़ों की तादाद में हिंदू भी गोमांस खाते हैं. नई सरकार के आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर पाबंदी लगाई गई है. अगर आप लड़की का उत्पीड़न करते हैं तो तीन साल की सजा है और गोमांस खाने पर पांच साल की सजा है, ये कौन सा तर्क हुआ.”
इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष पर भी रखी राय
जाकिर नाइक ने न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष पर भी अपनी बात रखी. उसने कहा, “अल्लाह का प्लान बेस्ट ऑफ प्लान है, जिसका इंसान को बाद में पता चलता है. मिसाल के तौर पर अल्लाह तआला फिलिस्तीन को अगर एक दिन में जिताना चाहता तो जिता सकता था लेकिन नहीं जिताया क्योंकि अल्लाह बेहतर प्लानर है. अगर अल्लाह एक दिन में उसे जिता देता तो एक साल तक चली जंग में हजारों लोग आज फिलिस्तीन के पक्ष में नहीं होते. सात अक्तूबर को हुई घटना के बाद 99 फीसदी गैर मुस्लिम इसरायल के पक्ष में थे लेकिन आज 99 फीसदी लोग गाजा को सही कह रहे हैं.”
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