मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के तीन दिन बाद नई सरकार की सुगबुगाहट फिर तेज हो गई है. कल पहली बार सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता साथ बैठे. बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. असहमति के मुद्दे किनारे छोड़ दिए गए और महाराष्ट्र की जनता को ध्यान में रखकर सरकार का एजेंडा तय किया गया.
सूत्रों के मुताबिक अंतिम फैसला सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे फाइनल करेंगे. ड्राफ्ट के मुताबिक शिवसेना ने जो प्रस्ताव रखा है इसमें जो बातें सामने आई हैं उसमें शिवसेना का सीएम होगा. कांग्रेस और एनसीपी के डिप्टी सीएम ढाई ढ़ाई साल के लिए हो सकते हैं.
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सूत्रों के मुताबिक शिवसेना की ओर से मंत्रालयों के बटंवारे का प्रस्ताव भी रखा गया है. प्रस्ताव के मुताबिक गृह मंत्रालय और डिप्टी स्पीकर का पद एनसीपी, राजस्व और विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस को, वहीं वित्त, नगरविकास और विधानपरिषद अध्यक्ष शिवसेना अपने पास रखना चाहती है.
संजय राउत ने फिर साधा निशाना
अपने शेरो शायरी से महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान मचाने वाले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी एक नई कविता के जरिए की सरकार बनने की ओर इशारा किया है. इसे बीजेपी पर हमला भी माना जा रहा है. संजय राउत ने आज सुबह ट्विटर पर लिखा, ''बन्दे है हम उसके हम पर किसका जोर, उम्मीदों के सूरज निकले चारो ओर.'' बता दें कि संजय राउत पिछले कुछ दिनों से लगातार शायरी और कविताओं के जरिए निशाना साध रहे हैं.
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महाराष्ट्र में 22 दिन बाद भी तस्वीर साफ नहीं
बता दें कि यही वो मुद्दे हैं जिन पर 21 दिनों तक महाराष्ट्र में राजनीतिक ड्रामा चला और अब भी जारी है. शिवसेना अपनी जिद पर कायम है. बात बाला साहेब ठाकरे की कसम तक जा पहुंची है. संजय राउत 18 फरवरी 2019 की उस मीटिंग की याद दिला रहे हैं जिसमें उद्धव ठाकरे और अमित शाह के बीच बातचीत हुई थी.
राउत के मुताबिक दोनों नेताओं के बीत बालासाहेब ठाकरे के कमरे में ही बात हुई थी. जबकि दो दिन पहले अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कर चुके हैं कि सीएम पद के लिए चुनाव से पहले शिवसेना को कोई वादा नहीं किया गया था.