नई दिल्ली: कई दौर की मीटिंग के बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. तीनों पार्टियों के नेताओं के साथ इस पर चर्चा भी हो गई है. दावा किया जा रहा है कि तीनों पार्टियों के अध्यक्ष अब इस पर अंतिम मुहर लगाएंगे. सोनिया और शरद पवार के बीच दो-तीन दिनों में मुलाकात हो सकती है. वहीं 17 तारीख को शिवसेना ने अपने विधायकों की मीटिंग बुलाई है. इसका मतलब है कि फिलहाल इस बात पर सहमति बन चुकी है कि किन मुद्दों पर नई सरकार काम करेगी.


जानकारी के मुताबिक जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है उसमें किसानों का मुद्दा सबसे ऊपर है. लेकिन जो सबसे अहम मुद्दे हैं उस पर इतनी सारी मीटिंग के बाद भी अब तक तस्वीर साफ नहीं है. मसलन मुख्यमंत्री किस पार्टी का बनेगा ? उपमुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा ? किस पार्टी के कितने मंत्री बनेंगे ? कौन सा विभाग किस मंत्री को मिलेगा ? किस पार्टी का विधानसभा अध्यक्ष होगा? इन सभी सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं.


बता दें कि यही वो मुद्दे हैं जिन पर 21 दिनों तक महाराष्ट्र में राजनीतिक ड्रामा चला और अब भी जारी है. शिवसेना अपनी जिद पर कायम है. बात बाला साहेब ठाकरे की कसम तक जा पहुंची है. संजय राउत 18 फरवरी 2019 की उस मीटिंग की याद दिला रहे हैं जिसमें उद्धव ठाकरे और अमित शाह के बीच बातचीत हुई थी.


राउत के मुताबिक दोनों नेताओं के बीत बालासाहेब ठाकरे के कमरे में ही बात हुई थी. जबकि दो दिन पहले अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कर चुके हैं कि सीएम पद के लिए चुनाव से पहले शिवसेना को कोई वादा नहीं किया गया था.


नितिन गडकरी ने किया बीजेपी सरकार का इशारा
मोदी सरकार में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कह रहे हैं कि क्रिकेट और पॉलिटिक्स में तो कुछ भी संभव है. उन्होंने कहा कि क्रिकेट और पॉलिटिक्स में कुछ भी संभव है, कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन नतीजा ठीक इसके उलट आता है. गडकरी तो इशारों में बात कह रहे हैं लेकिन नारायण राणे ने तो उसी दिन साफ साफ कह दिया था कि वो सरकार बनाने के मिशन में जुट गए हैं.


कल विधायकों के साथ बैठक में एक बार फिर फडणवीस ने बीजेपी की सरकार बनने का भरोसा जताया है. सूत्रों के मुताबिक फडणवीस ने विधायकों से कहा, ''राज्य में बीजेपी के सिवाय किसी की सत्ता नहीं आ सकती है, विधायक जनता में जाकर बताएं कि बीजेपी की ही सरकार आएगी.'' इस सब के बीच इशारे अपनी जगह है लेकिन सवाल ये है कि बीजेपी की सरकार बनेगी कैसे क्योंकि सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर तो बीजेपी के पास नहीं है फिर बहुमत का जुगाड़ होगा कैसे?