नई दिल्‍ली: 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा एजेंसी ने लाल किले की सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की हुई थी. यहां एक ऐसा एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया था जो किसी भी तरह के छोटे से छोटे ड्रोन हमले को रोकने में सक्षम था. ये सिस्टम तीन किमी तक किसी भी माइक्रो ड्रोन का पता लगाने में सक्षम है. यही नहीं 1 से 2.5 किमी के दायरे में लेजर की मदद से मार गिराने में सक्षम है. इस एंटी ड्रोन सिस्टम को डीआरडीओ ने बनाया है.


विशेष इंतजामों के साथ हुआ पीएम मोदी का भाषण
लाल किले पर इस बार विशेष इंतजामों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हुआ. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सोशल डिस्टैंसिंग सहित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(एसओपी) के सभी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन हुआ. इस बार मेहमान सीमित संख्या में बुलाए गए थे. कोरोना के कारण पहली बार स्कूली बच्चे भी लाल किला परिसर में होने वाले इस राष्ट्रीय समारोह में नहीं बुलाए गए थे. इससे पूर्व के आयोजनों के दौरान प्रधानमंत्री भाषण खत्म कर बच्चों के बीच जाकर मिलते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका.


लाल किला परिसर में मेहमानों की कुर्सियों के बीच करीब छह-छह फिट की दूरी बनाई गई थी. हर कुर्सी पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रही. मेहमानों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया था. इस बार नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाने की जगह दूर से ही हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया. सूत्रों ने बताया कि लाल किला परिसर की सुरक्षा में लगाए गए जवानों को पहले से क्वारंटाइन किया गया था. ताकि 15 अगस्त को तैनाती के समय तक वह पूरी तरह से स्वस्थ रहें.


मेहमानों में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री पहली कतार में बैठे थे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी इस समारोह में पहुंचे थे.


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