DRDO ने दिल्ली पुलिस के लिए बनाई 'जर्मी क्लीन' मशीन, वर्दी से लेकर लाठी-डंडे तक होगा डिसइंफेक्ट
डीआरडीओ की जर्मी क्लीन मशीन से पुलिसकर्मियों की वर्दी के अलावा लाठी-डंडे, हेलमेट, बेल्ट को भी डिसइंफेक्ट कियाजा सकेगा. बता दें कि अब तक दिल्ली के 800 पुलिसकर्मी वायरस की चपेट में आ चुके हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है और उतनी ही तेजी से पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने की संख्या बढ़ रही है. पुलिसकर्मियों को संक्रमश से बचाने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘जर्मी क्लीन’ मशीन बनाई है.
दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पर ‘जर्मी क्लीन’ नाम की मशीन इंस्टॉल की गई है जिसमें वर्दी को गीला किये बिना 10 मिनट के अंदर डिसइंफेक्ट किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस मशीन में पुलिसकर्मी अपने लाठी-डंडे, हेलमेट, बेल्ट को भी डिसइंफेक्ट कर सकेंगे. इस मशीन की खासियत ये है कि ये 70 डिग्री टेम्परेचर में किसी भी तरह के वायरस को खत्म कर देता है. इस मशीन में एक साथ 30 वर्दी डिसइंफेक्ट की जा सकती.
मॉल , शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एयरपोर्ट जैसी सार्वजनिक जगहों को कोरोना फ्री करने के लिए DRDO ने तैयार किया 'डिसइंफेक्ट-टॉवर'
मॉल , शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एयरपोर्ट, स्कूल और मैट्रो स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों को कोरोना वायरस से डिसइंफेक्ट करने के लिए डीआरडीओ ने अल्ट्रा वायलेट तकनीक से चलने वाले एक खास डिसइंफेक्शन टॉवर को तैयार किया है. वाई-फाई से चलने वाले इस टॉवर से चार सौ फीट स्कॉवयर एरिया को आधे घंटे में कीटाणु रहित बनाया जा सकता है.
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि किसी बड़े एरिया में जहां संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है और कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करना हो, वहां ये 'यूवी-बलॉस्टर' बेहद कारगर है.
जानकारी के मुताबिक, इस यूवी (अल्ट्रा वायलेट) बलास्टर को वाईफाई के जरिए मोबाइल या फिर लैपटॉप से रिमोटली (यानि दूर) से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इस मशीन में छह यूवी-सी लैंप लगे हैं. हरेक लैंप 43 वाट का है और 360 डिग्री यानि चारों दिशाओं में रोशनी फेंकता है. एक मशीन 12x12 फीट के कमरे को 10 मिनट में कोरोना वायरस मुक्त बनाने का दावा डीआरडीओ ने किया है. चार सौ स्कॉवयर फीट के कमरे को आधे घंटे में कोविड-19 वायरस से फ्री किया जा सकता है.
इस डिसइंफेक्टेंट टॉवर को डीआरडीओ यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने गुरूग्राम की एक प्राईवेट कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया है.
टीके और दवा के विकास पर भी काम कर रहा है डीआरडीओ
बता दें कि डीआरडीओ कोविड-19 महामारी को लेकर टीके और दवा के विकास पर काम कर रहा है. इसके साथ ही संगठन सैनिटाइजर, विशेष मास्क और सुरक्षात्मक उपकरण बनाने के काम में भी लगा है. डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने यह बात कही.
रेड्डी रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव भी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उपचार संबंधी दवा के विकास के लिए अनेक प्रयत्न किए जा रहे हैं. पूरा देश योगदान दे रहा है और डीआरडीओ संबंधित उद्देश्य के लिए शुरुआती दिन से ही काम में लगा है.’’
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