Combat Aircraft: दुश्मनों की धड़कन बढ़ा देगी भारत की ये कामयाबी! DRDO के बिना पायलट वाले इस लड़ाकू एयरक्राफ्ट ने भरी उड़ान
DRDO Maiden UAV Flight: बताया जा रहा है कि ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डेमोनस्ट्रेटर की ये उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है.
![Combat Aircraft: दुश्मनों की धड़कन बढ़ा देगी भारत की ये कामयाबी! DRDO के बिना पायलट वाले इस लड़ाकू एयरक्राफ्ट ने भरी उड़ान DRDO successfully carries out maiden flight of unmanned combat fighter aircraft ann Combat Aircraft: दुश्मनों की धड़कन बढ़ा देगी भारत की ये कामयाबी! DRDO के बिना पायलट वाले इस लड़ाकू एयरक्राफ्ट ने भरी उड़ान](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/01/5c8050eea63dcd39ed5ef7b617eb3aa5_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
DRDO Maiden UAV Flight: डीआरडीओ ने शुक्रवार को 'ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डेमनस्ट्रेटर' की पहली सफल उड़ान का संचालन किया. इस उड़ान को निकट भविष्य में मानव रहित स्टेल्थ विमानों यानि स्टेल्थ यूएवी के विकास की दिशा में एक प्रभावशाली कदम माना जा रहा है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डेमनस्ट्रेटर की पहली उड़ान को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक संचालित किया. पूर्णतया स्वायत्त रूप से काम करते हुए ऑटोनोमस-विमान ने एक आदर्श उड़ान का प्रदर्शन किया, जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक स्मूथ टचडाउन शामिल है.
माना जा रहा अहम कदम
ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डेमनस्ट्रेटर की इस उड़ान को भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के मामले में प्रभावशाली कदम है और इस तरह की रणनीतिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इससे स्वदेशी स्टेल्थ अटैक-ड्रोन को बनाने से जोड़ कर भी देखा जा रहा है. स्टेल्थ तकनीक के चलते इस तरह के यूएवी दुश्मन की रडार को भी चकमा देने में कामयाब रहते हैं.
ये भी पढ़ें- Maharashtra Politics: '...तो आज महाराष्ट्र में BJP का मुख्यमंत्री होता', उद्धव ठाकरे ने छोड़े बयानों के तीर
एडीआई ने किया विकसित
मानव रहित हवाई विमान को डीआरडीओ की बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) प्रयोगशाला द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित है. विमान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडरकैरिज और पूरी उड़ान नियंत्रण तथा वैमानिकी प्रणाली को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी और कहा कि यह स्वायत्त विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के संदर्भ में 'आत्मनिर्भर भारत' का मार्ग प्रशस्त करेगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)