नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के चलाकेरे में रुस्तम-2 ड्रोन का सफल परीक्षण किया. रुस्तम-2 मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम मानवरहित विमान (यूएवी) है.
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोनों की तर्ज पर रुस्तम-2 को विकसित किया गया है ताकि यह सशस्त्र बलों के लिए निगरानी एवं रेकी की भूमिकाओं को अंजाम दे सके.
एक बयान के मुताबिक, ‘‘डीआरडीओ ने चित्रदुर्ग के चलाकेरे में अपने एरोनॉटिकल परीक्षण रेंज (एटीआर) में आज रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया.’’ डीआरडीओ ने कहा कि सफल परीक्षण के सभी मानक ‘‘सामान्य’’ रहे. रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है.
साइंटिस्ट रुस्तम दमानिया के नाम पर इस ड्रोन का नाम रुस्तम रखा गया है. उनकी रिसर्च 80 के दशक में एविएशन सेक्टर में काफी काम आई थी. 2001 में उनकी मृत्यु हो गई थी.
इस ड्रोन की स्पीड 225 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह लगातार 24 घंटे के उड़ान भर सकता है. इसकी एक खास बात ये भी है कि यह 350 किलो हथियारों को भी उठा सकता है. साथ ही इसमें कई तरह के सेंसर का भी इस्तेमाल हुआ है जिसके कारण यह ड्रोन तकनीकी रूप से काफी उन्नत है.
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