नई दिल्लीः देशभर के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए होने वाली एनईईटी (नीट) परीक्षा के दौरान तलाशी के समय एक छात्रा से इनर वियर उतारने को कहने वाली चार महिला शिक्षकों को अधिकारियों ने एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है.


कन्नूर जिले में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा केंद्रों में से एक टिस्क इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्राचार्य जमालुद्दीन ने बताया कि उन्हें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली इसलिए 4 शिक्षिकाओं को जांच चलने तक सस्पेंड कर दिया गया है. कन्नूर के निकट पयानूर स्थित स्कूल मैनेजमेंट ने भी मामले की जांच शुरू की है.


क्या है पूरी घटना?


रविवार को कन्नूर जिले में नीट के एक परीक्षा केंद्र में ये घटना घटी, जहां परीक्षा देने के बाद एक परीक्षार्थी ने कहा कि तलाशी के दौरान उसे परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने इनर वियर उतारने के लिए कहा था. दूसरी महिला परीक्षार्थियों ने शिकायत की कि उन्हें टॉप का बाजू काटने, जिन परीक्षार्थी ने जींस पहन रखी थी, उसे पॉकेट काटकर हटाने के साथ ही कपड़ों से मेटल के बटनों को निकालने के लिए कहा गया.


आपको बता दें कि परीक्षा में शामिल होने गयी कन्नूर की एक छात्रा के इनर वियर में मेटल का हुक होने के कारण उसे अपने इनर वियर तक हटाने पड़े थे, जबकि एक छात्रा को उसकी जींस से मेटल का बटन हटाने और एक छात्रा की जींस में कई पॉकेट होने के कारण उसे दूसरे कपड़े खरीदने के लिये कहा गया. कई छात्रों को अपनी शर्ट की बाजू भी काटनी पड़ी थी.


CBSE ने लगा रखा था छात्रों पर सख्त ड्रेस कोड


बीडीएस और एमबीबीएस करने के इच्छुक छात्रों के लिये 7 मई को आयोजित नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा में नकल पर रोक लगाने के लिहाज से सीबीएसई ने इसमें शामिल होने वाले छात्रों पर सख्त ड्रेस कोड लगा रखा था. लेकिन प्रवेश परीक्षा में कई छात्रों को सिर ढंकने से मनाही, नाक का कील हटाने और शर्ट की बाजू काटे जाने की निंदा की गयी. सरकारी व निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में नामांकन के लिए रविवार को सीबीएसई ने लगभग 104 शहरों में एनईईटी की परीक्षा आयोजित की. परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.


छात्रा की मां ने कहा, "मेरी बेटी केंद्र में गई. थोड़ी ही देर में वह लौटकर आई और उसने मुझे अपना शरीर के ऊपरी हिस्से में पहना जाने वाला अंत:वस्त्र सौंपा." इस छात्रा के पिता ने बताया, "उसने (बेटी ने) जींस पहन रखी थी. इसमें जेबें और मेटल बटन थे. इन्हें निकालने के लिए कहा गया. मैं परीक्षा केंद्र से 3 किलोमीटर दूर एक दुकान पर भागा-भागा गया और उसके लिए नए कपड़े खरीदकर वापस आया." हालात ऐसे थे कि परीक्षा केंद्र के आएसपीस के इलाकों में लोगों ने परीक्षार्थियों को 'उचित' कपड़े पहनने के लिए दिए ताकि बच्चियों की परीक्षा न छूटे.


एक अभिभवाक ने कहा, "मैं एक ऐसे मुस्लिम परिवार को जानता हूं जिसने परीक्षार्थियों को पहनने के लिए 6 टॉप दिए. हालात तब और खराब हो गए जब अधिकारियों ने पूरी आस्तीन वाला टॉप पहनकर भी बच्चियों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया. जिन्होंने ऐसी पूरी आस्तीन वाले टॉप पहने हुए थे, उन्होंने जल्दी-जल्दी काटकर आस्तीन को आधी बांह का किया."

पार्टियों की प्रतिक्रिया


इस घटना की गूंज आज केरल विधानसभा में भी सुनाई दी. केरल विधानसभा ने नीट में शामिल होने गये छात्रों को कथित तौर पर उनके कपड़ों को लेकर परेशान किये जाने की आज निंदा की. विधानसभा में मामला उठने पर सत्तारूढ़ और विपक्ष दोनों ने सर्वसम्मति से इन घटनाओं की निंदा की.


केरल की राजधानी में मुख्यमंत्री विजयन ने घटना पर विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथाला के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस से मामले की जांच करने और एक मुकदमा दर्ज करने को कहा है. विजयन ने कहा, "यह मामला ड्रेस कोड को लेकर सामने आया है और हम (सीबीएसई) के खिलाफ केंद्र से कड़ा विरोध जताएंगे." पिनारायी विजयन ने कहा है कि मामले की जांच पुलिस करेगी.


जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग


घटना की हर पार्टी के विधायकों ने निंदा की और सभी ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. केएसएचआरसी के कार्यकारी अध्यक्ष पी मोहनदास ने मामला दर्ज करने और कन्नूर जिला पुलिस प्रमुख और सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक से 3 हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है.

कांग्रेस की महिला यूनिट की अध्यक्ष बिंदु कृष्णा ने कहा, "अग्नि परीक्षा तो हो गई लेकिन यह सोचने वाली बात है कि ऐसे अपमानजनक माहौल में कितनी छात्राएं सहज होकर परीक्षा दे सकीं होंगी. मैं मुख्यमंत्री पिनारई विजयन को इस मामले में लिखूंगी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करूंगी."


सीबीएसई की सफाई
उधर सीबीएसई ने खुद केरल में नीट अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र पर इनर वीयर वस्त्र हटाने को कहे जाने की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि यह ‘‘अति उत्साह’’ का नतीजा है. सीबीएसई राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा (नीट) का संचालन एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एंट्रेस के लिए करता है. हालांकि बोर्ड ने कपड़ों के लिए कड़े नियम का बचाव करते हुए कहा कि यह इस बेहद अह्म परीक्षा की ‘‘गरिमा’’ को बनाए रखने का उपाय है.


सीबीएसई की प्रवक्ता रमा शर्मा ने कहा, ‘‘कन्नूर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह प्रक्रिया में शामिल कुछ लोगों के जरूरत से ज्यादा उत्साह का परिणाम है. अनजाने में हुई इस गलती से छात्रों को जो परेशानी उठानी पड़ी उसके लिए बोर्ड को खेद है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वेबसाइट, न्यूज बुलेटिन, एडमिट कार्ड पर छपे निर्देश के अलावा इमेल, एसएमएस के जरिए परीक्षार्थियों को बार-बार बताया गया था कि इस बेहद अह्म परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले क्या कदम उठाने हैं.’’ लेकिन निर्देशों की जानकारी नहीं होने के कारण रविवार को देशभर में हुई नीट परीक्षा में कई छात्रों को बेहद अजीब परिस्थिति का सामना करना पड़ा.


क्या थे सीबीएसई के कपड़ों-फुटवियर को लेकर नियम ?


जिन चीजों की प्रवेश हॉल में मनाही थी उसमें लड़कियों के लिए बड़े आकार के बटन, ब्रोच, कपड़ों में लगाई जाने वाली एक तरह की पिन, और हील वाले जूते शामिल हैं. जबकि लड़कों को कुर्ता पायजामा, पूरे बाजू की शर्ट और जूते पहनकर आने की मनाही थी. उम्मीदवारों को प्रवेश केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की इजाजत नहीं थी.


पूरी बाजू की शर्ट पहने लड़कों से कहा गया कि परीक्षा हॉल में केवल आधे बाजू की शर्ट पहनने की ही इजाजत है. ऐसी स्थिति में नियमों के मुताबिक कपड़े ना होने की सूरत में कुछ को अपने कपड़ों में काट-छांट करनी पड़ी. कुछ ने अपने जूते उतारकर अभिभावकों के सैंडल पहने. पीड़ित छात्रा के अभिभावक इस संबंध में सीबीएसई अध्यक्ष और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखने का मन बना रहे हैं.