Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो की एक और उपलब्धि, पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन की शुरुआत
Delhi Metro: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन का उद्घाटन किया.
Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन की गुरुवार को शुरुआत हो गई. केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज दिल्ली मेट्रो की 59 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन का उद्घाटन किया. इस मौके पर आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह और दिल्ली मेट्रो के कई और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन
दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन के साथ ही दिल्ली मेट्रो का पूरी तरह से स्वचालित नेटवर्क बढ़कर करीब 97 किमी हो गया है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा और भारत में एकमात्र डीटीओ नेटवर्क है. मजेंटा लाइन पर डीटीओ सुविधा वर्ष 2020 में शुरू की गई थी जिसके साथ दिल्ली मेट्रो ने दुनिया के 7% मेट्रो की एक ऐसे एलीट ग्रुप में प्रवेश किया जो पूरी तरह से स्वचालित मेट्रो नेटवर्क संचालित करते हैं.
ड्राइवरलेस ट्रेन से क्या हैं फायदे?
ड्राइवरलेस ट्रेन के कारण ट्रेन परिचालन में अधिक लचीलापन लाएगा और मानवीय हस्तक्षेप और मानवीय त्रुटियों को कम करेगा. यह कोचों की उपलब्धता में सुधार करने में भी मदद करेगा. ड्राइवरलेस ट्रेनें इंडक्शन से पहले की गई चेकिंग की मैन्युअल प्रक्रिया को खत्म कर देगी और बाद में ट्रेन ऑपरेटरों पर बोझ कम हो जाएगा. डिपो में स्टेबलिंग लाइन पर पार्किंग भी अपने आप हो जाएगी. डीएमआरसी ने यात्री सेवा के लिए कोचों की बढ़ती उपलब्धता से मजेंटा लाइन पर अपनी ड्राइवरलेस परिचालन का लाभ उठाना शुरू कर दिया है.
ड्राइवरलेस ट्रेन से मानवीय त्रुटि की संभावना खत्म
हर रोज यात्री सेवा में शामिल होने से पहले किए गए संपूर्ण सेल्फ टेस्ट के कारण ट्रेनों की विश्वसनीयता कई गुना बढ़ गई है, जिससे मानवीय त्रुटि की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाती है. ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन के तहत लंबे नेटवर्क के साथ लाभ और बढ़ेगा. डीटीओ में, आरंभ में ट्रेन ऑपरेटर सहायता और आत्मविश्वास की भावना पैदा करने के लिए ट्रेन में मौजूद रहेगा. डीटीओ की उच्चस्तरीय डायगनोस्टिक विशेषताएं पारंपरिक समय-आधारित मेन्टेनेंस से स्थिति आधारित मेन्टेनेंस की ओर बढ़ने में मदद करेगी. इससे ट्रेनों का मेन्टेनेंस डाउन टाइम भी कम होगा.
फेज-4 के पूरा होने के बाद, जब पिंक और मजेंटा लाइन के विस्तार के साथ-साथ एरोसिटी-तुगलकाबाद सिल्वर लाइन पर ड्राइवरलेस परिचालन शुरु होने पर डीएमआरसी 160 किमी डीटीओ युक्त कॉरिडोर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा.