पुलिस अधिकारी गोकुल चंद्र दास ने कहा, "प्राथमिक जांच से पता चला है कि चारों रूस के नागरिक है और इस्कॉन के भक्त हैं. वे 7 दिसंबर से पुरी में हैं." उन्होंने कहा, "उनके बयान के अनुसार वे यहां पवित्र मंदिर की परिक्रमा के लिए आए हैं. उन्होंने भविष्य में यहां आने वाले भक्तों के लिए प्रणाली की जानकारी देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया." सरकार ने मंदिर व इसके आसपास की परिधि में नो फ्लाई जोन घोषित किया है. साल 2014 में एक क्वाडकोप्टर ने मंदिर के ऊपर उड़ान भरकर एरियल वीडियो बनाया था. इस वीडियो व तस्वीरों को बाद में सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था.
ओड़िशा पुलिस ने यहां श्री जगन्नाथ मंदिर के उपर बिल्कुल स्पष्ट फोटो खींचने की उच्च क्षमता वाले कैमरे से लैस ड्रोन उड़ाने को लेकर चार रुसी नागरिकों को हिरासत में लिया. पुलिस ने बताया कि इन चारों ने अपने आप को इस्कॉन का सदस्य बताया है. उनमें तीन महिलाएं हैं. जिला प्रशासन ने 2104 में इस धर्मस्थल और उसके इर्द-गिर्द के क्षेत्र को ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित किया था.
सिंहद्वार थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंटरनेशनल सोसायटी फोर कृष्णा कंससनेस के ये चारों श्रद्धालु समीप के राधा वल्लभ मठ की छत से ड्रोन चला रहे थे. पुरी के पुलिस अधीक्षक सार्थक सारंगी के अनुसार पूछताछ करने के बाद चारों निजी बांड पर छोड़ दिये गये. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें ज्ञात नहीं था कि यह ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ है.