27-28 जून की रात दो अलग अलग मिलिट्री इलाकों में देखी गयी थी ड्रोन की हरकत- रक्षा प्रवक्ता
जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन के आस पास रहने वाले स्थानीय लोगों की नींद शनिवार-रविवार की देर रात जोरदार धमाके की आवाज से खुली. पाकिस्तान के आतंकवादियों ने इस अहम सैन्य प्रतिष्ठान पर ड्रोन से दो बम गिराये. यह पहली बार है जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने इस तरह के मानवरहित और रिमोट संचालित वाहन से किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान को निशाना बनाया है.
नई दिल्ली: जम्मू में बाहरी सीमा में स्थित ब्रिगेड मुख्यालय के ऊपर सोमवार को तड़के एक संदिग्ध ड्रोन देखते ही केन्द्र की रखवाली में तैनात सैनिक ने गोलियां चला दी. रक्षा प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि 27-28 जून की मध्यरात्रि में कालूचक में एक ‘आर्मी गैरीसन’ में तैनात सैनिक ने तड़के करीब तीन बजे एक ड्रोन वहां देखा और उसे गिराने के लिए तत्काल गोलियां चलाईं.
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया, ''हाई अलर्ट जारी किया गया था और क्विक रेस्पॉन्स टीम ने उन पर फायरिंग की. दोनों ड्रोन वापस चले गए. सैनिकों की सतर्कता और सक्रिय दृष्टिकोण से एक बड़ा खतरा विफल हो गया. सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और तलाशी अभियान जारी है.''
उन्होंने बताया कि सैन्य अड्डे के बाहर पूरे इलाके की तुरंत घेराबंदी कर दी गई और अंतिम सूचना मिलने तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी था. अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है.
स्टेशन हमले में बड़ा खुलासा- ड्रोन का टारगेट थे एटीसी और MI-17 हेलीकॉप्टर
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और MI-17 हेलीकॉप्टर इस ड्रोन हमले के टारगेट थे. यानी हमले में ड्रोन ने अपने असली टारगेट को मिस कर दिया. जानकारी के मुताबिक, एक ड्रोन में करीब पांच किलो टीएनटी विस्फोटक था. दूसरे ड्रोन में इससे कम वजन का विस्फोटक मौजूद था. अभी तक माना यही जा रहा है कि हमले में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है. बता दें कि पिछले लंबे वक्त से पाकिस्तान भारत के खिलाफ इसी तरह के ड्रोन का इस्तेमाल करता आ रहा है.
धमाके की जांच के लिए पहुंची एनएसजी कमांडो टीम
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में हुए धमाके मामले की जांच के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) की घटनास्थल पर पहुंच चुकी है. इससे पहले एनआईए की टीम जांच के लिए यहां पहुंची थी. इस धमाके से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. वहीं इन सब के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है. बीती रात एयरफोर्स स्टेशन पर दो ड्रोन के जरिए हमला किया गया. इसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए.
पाक की साजिश का पर्दाफाश
एलओसी पर सीजफायर हुए सौ दिन से ज्यादा हो चुके हैं. भले ही वहां पर शांति बनी हुई है लेकिन भारत में अशांति फैलाने की पाकिस्तान की कोशिशें कम नहीं हुईं. 20 जून 2021 को पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए भारत में हथियार भेजा था. वहीं अभी 25 जून को ही बीएसएफ ने पाकिस्तान की एक और साजिश को नाकाम कर दिया था. तंगधार में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ कराकर पाकिस्तान भारत में ड्रग्स भेज रहा था. बीएसफ ने घुसपैठ की साजिश नाकाम की और घुसपैठिए को मार गिराया. हथियार और करोड़ों रुपये के ड्रग्स जब्त किए गए थे.