नई दिल्ली: जम्मू में जिस वक्त एयरबेस पर ड्रोन से हमला हुआ ठीक उसी वक्त इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में भी ड्रोन दिखा था. भारत ने पाकिस्तान के सामने ये मामला उठाया है. 27 जून को जम्मू एयरपोर्ट के पास एयरफोर्स स्टेशन के अंदर दो धमाकों से खलबली मच गई थी. यहां पांच मिनट के अंदर दो धमाके हुए थे. धमाकों की साजिश सीमा पार से रची गई थी.
27 जून की रात क्या हुआ था?
जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन के अंदर 27 जून देर रात दो धमाके हुए थे. पहला धमाका रात एक बजकर 37 मिनट पर हुआ था और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1 बजकर 42 मिनट पर हुआ था. गनिमत रही की इन धमाकों में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ. वायुसेना के मुताबिक, पहला धमाका बिल्डिंग की छत पर और दूसरा धमाका जमीन पर हुआ था.
हमले के बाद भी कई बार दिखे ड्रोन
जम्मू में 30 जून को भी दो ड्रोन देखे गए थे. एक ड्रोन सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर कालूचक इलाके में दिखा तो वहीं दूसरा ड्रोन 4 बजकर 52 मिनट पर कुंजवानी में दिखा. बड़ी बात यह है कि ये दोनों इलाके एयरफोर्स स्टेशन के 7 से10 किलोमीटर के दायरे में आते हैं.
कहा जा रहा है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद से लगातार ड्रोन देखे जा रहे हैं, जो सुरक्षा बलों के लिए चिंता की बात है. इतना ही नहीं जो भी ड्रोन स्पॉट हो रहे हैं, वह यहां मिलिट्री बेस और मिलिट्री स्टेशन के पास हो रहे हैं.
पाकिस्तान की साजिश जारी
गौरतलब है कि घाटी में सक्रिय आतंकियों को पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई ही ट्रेनिंग देती आई है. वो किसी भी सूरत में ये नहीं चाहती कि कश्मीर में फिर से अमन-चैन बहाल हो और वहां विधानसभा चुनाव कराने लायक माहौल बन पाये. रक्षा विशेषज्ञों व खुफिया सूत्रों की मानें तो सरकार के साथ कश्मीरी नेताओं की बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए पाकिस्तान इसी तरह के और हमलों को अंजाम देने की कोशिश आगे भी करता रहेगा.