मुंबई में दूसरा सीरो-सर्वे: झुग्गी-बस्ती इलाके में संक्रमण के मामले कम होने के संकेत
किसी व्यक्ति के शरीर में ‘एंटीबॉडी’ पाये जाने का मतलब है कि वह कभी ना कभी कोरोना वायरस की चपेट में आया है.सर्वेक्षण बीएमसी, नीति आयोग और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) द्वारा किया गया.
मुम्बई: मुम्बई के झुग्गी-बस्ती इलाके में किए गए दूसरे सीरो-सर्वे में पहले की तुलना में 12 प्रतिशत कम लोगों में ‘एंटीबॉडी’ (प्रतिरक्षी) पाये गये हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इससे शहर की झुग्गी-बस्तियों में संक्रमण कम होने का संकेत मिला है.
किसी व्यक्ति के शरीर में ‘एंटीबॉडी’ पाये जाने का मतलब है कि वह कभी ना कभी कोरोना वायरस की चपेट में आया है. विज्ञप्ति में बताया गया कि नए सीरो-सर्वे में 45 प्रतिशत लोगों में ‘एंटीबॉडी’ पाये गये. जुलाई में किए गए पहले सीरो-सर्वे में 57 प्रतिशत लोगों में ‘एंटीबॉडी’ पाये गाये थे.
वहीं ‘सीरो-प्रिवलेंस’ (जनसंख्या में रोगियों का स्तर, जैसा कि रक्त सीरम में मापा जाता है) दोनों सर्वेक्षणों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थोड़ा अधिक रहा. स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों में दोनों सर्वेक्षणों में ‘सीरो-प्रेवलेंस’ करीब 27 प्रतिशत था.
सर्वेक्षण बीएमसी, नीति आयोग और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) द्वारा किया गया. मुम्बई देश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में से एक है. यहां अभी तक संक्रमण के दो लाख से अधिक मामले सामने ओ चुके हैं और करीब नौ हजार लोगों की इससे मौत हुई है.