Uttar Pradesh Rain: कई राज्यों में बरसात और बाढ़ से तबाही, यूपी के 64 जिलों में हुई कम बारिश, कई में सूखे जैसी स्थिति
Uttar Pradesh Rain: यूपी के 75 जिलों में से सिर्फ 11 में ही सामान्य बारिश हुई है. राज्य के 39 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है.
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Uttar Pradesh Rain Update: उत्तर प्रदेश के 64 जिलों में इस मानसून (Monsoon) में सामान्य से कम बारिश (Rain) हुई है. जिस वजह से कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति पैदा हो गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के मुताबिक 19 अगस्त तक यूपी के 75 जिलों में से सिर्फ 11 में ही सामान्य बारिश हुई है. जहां सरकारी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश इस कमी को पूरा करेगी, वहीं किसानों को डर है कि अब शायद बहुत देर हो चुकी है.
पूर्वी यूपी के जौनपुर जिले के किसानों का कहना है कि हमारी फसल अब खराब हो रही है. बाद में बारिश हुई भी तो उससे क्या होगा. पहले बारिश में देरी और फिर इसकी कमी के कारण धान उगाने वाले किसान विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. जौनपुर उन जिलों में शामिल है जहां इस मानसून में सबसे कम बारिश हुई है.
जौनपुर में 74 फीसदी कम बारिश हुई
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक जौनपुर में 74 फीसदी कम बारिश हुई है. जिले में 19 अगस्त तक 471.5 मिमी की लंबी अवधि के औसत (एलपीए) की तुलना में इस मानसून में केवल 123.2 मिमी बारिश दर्ज की गई. शाहजहांपुर जिले के कटरा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि मानसून में देरी के कारण हमें धान की रोपाई में एक महीने से अधिक की देरी करनी पड़ी. हममें से कई लोगों को नुकसान हुआ है. अब जिस धान की हमने रोपाई की है, वह बारिश की कमी के कारण प्रभावित हो रही है.
39 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बारिश
विशेषज्ञों का कहना है कि धान के खेतों में रोपाई के बाद लगभग एक महीने तक कम से कम कुछ इंच पानी की आवश्यकता होती है. बारिश की कमी से खरपतवार की वृद्धि होती है और पौधे का विकास प्रभावित होता है. पूर्वी यूपी में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां बारिश एलपीए से 50 फीसदी कम है. यूपी के फर्रुखाबाद में 80 फीसदी कम बारिश हुई है. वहीं यूपी के 39 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है.
सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की
इस स्थिति को देखते हुए बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी और पार्टी विधायक वीर विक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शाहजहांपुर, बस्ती और पूर्वी यूपी को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने कहा कि सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और सूखा घोषित करना जल्दबाजी होगी.
क्या कहना है अधिकारी का?
उन्होंने कहा कि हम मानसून (Monsoon) के हर पहलू को करीब से देख रहे हैं और दैनिक आधार पर डेटा एकत्र किया जा रहा है. बारिश (Rain) कम हुई है, लेकिन सूखे (Drought) की घोषणा करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हम अभी भी बुवाई के मौसम में हैं. अधिकारी ने कहा कि सूखा घोषित करने पर कोई भी निर्णय अक्टूबर में मानसून के बाद निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार लिया जाएगा. तब तक संबंधित विभागों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसान अपने खेतों की सिंचाई कर सकें. अधिकारी ने कम बारिश के प्रभाव को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करने का दावा किया.
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