President Election: शिवसेना के समर्थन से और मजबूत हुई द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी, अधर में लटके यशवंत सिन्हा
President Election 2022: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया है. जिससे द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी 60 प्रतिशत मजबूत हो गई है.
President Election 2022: शिवसेना (Shiv Sena) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार (NDA Presidential Candidate) द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की है. आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है, वहीं यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को उम्मीदवार बनाने वाले विपक्ष में नये सिरे से विभाजन नजर आ रहा है.
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में यह घोषणा करके विपक्षी खेमे को झटका दे दिया. इसके साथ ही 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों की वोट हिस्सेदारी 60 प्रतिशत के पार पहुंच गयी है.
उद्धव ठाकरे ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन
शिवसेना एक तरह से दो हिस्सों में बंटी हुई है. एक की अगुवाई उद्धव ठाकरे कर रहे हैं, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. तो दूसरा खेमा मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला है. एकनाथ शिंदे गुट पहले ही मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर चुका है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू के लिए समर्थन की घोषणा कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपना रुख स्पष्ट कर रहा हूं. मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कि यह पहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है. उनके विचारों का सम्मान करते हुए हमने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का निर्णय किया है.’’
शिवसेना का फैसला समझ से परे: कांग्रेस
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘दरअसल, वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए, मुझे उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था क्योंकि वह बीजेपी की उम्मीदवार हैं, लेकिन हम संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं.’’ महा विकास आघाड़ी सरकार में ठाकरे की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि शिवसेना का फैसला समझ से परे है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने एक बयान में कहा ‘‘शिवसेना महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन उसने हमारे साथ इस फैसले पर चर्चा नहीं की है. यह समझ से परे है कि पार्टी मुर्मू का समर्थन क्यों कर रही है जबकि उसकी सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से गिराया गया.’’
60 प्रतिशत मजबूत हुई द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी
बीजेडी, वाईएसआर-कांग्रेस, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जदएस, शिरोमणि अकाली दल और अब शिवसेना जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने के बाद, एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के मतों की हिस्सेदारी पहले ही 60 प्रतिशत के पार हो चुकी है. उनके नामांकन के समय यह लगभग 50 प्रतिशत थी. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जैसे बड़े गैर-बीजेपीई दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. मुर्मू और सिन्हा ने जन प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के लिए मंगलवार को कुछ और राज्यों का दौरा किया.
द्रौपदी मुर्मू ने किया अमरावती का दौरा
मुर्मू ने आंध्र प्रदेश के अमरावती का दौरा किया और कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी ‘सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण की अभिव्यक्ति’ है. वहीं चंडीगढ़ पहुंचे सिन्हा ने कहा कि देश को एक ‘मौन राष्ट्रपति’ की जरूरत नहीं है बल्कि ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो अपने नैतिक अधिकारों और विवेक का उपयोग करे.
सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया. मुंबई में शिवसेना के ज्यादातर सांसदों ने ठाकरे से मुर्मू का समर्थन करने का अनुरोध किया था. लोकसभा में शिवसेना के 19 सदस्य हैं जिनमें 18 महाराष्ट्र से हैं. राज्यसभा में पार्टी के तीन सदस्य हैं.
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने 2007 और 2012 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) उम्मीदवारों क्रमशः प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था, भले ही उस समय शिवसेना, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की एक घटक थी.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी सांसदों और विधायकों से मिली मुर्मू
मुर्मू ने पश्चिम बंगाल के बीजेपी सांसदों और विधायकों से भी मुलाकात कर समर्थन मांगा. कोलकाता के एक होटल में लगभग घंटे भर चली बैठक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के केंद्रीय नेताओं के साथ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी मौजूद थे. बीजेपी की बंगाल इकाई के सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पार्टी के 16 सांसद व 65 विधायक शामिल हुए और सभी ने मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का भरोसा दिलाया. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “हम सभी ने उन्हें पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया और उनकी जीत की कामना की.”
असमंजस में फंसी ममता बनर्जी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हावड़ा में कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस मुर्मू का समर्थन नहीं करती तो साबित हो जाएगा कि पार्टी आदिवासियों और गरीबों के खिलाफ है. ममता बनर्जी ने पिछले दिनों कहा था कि अगर बीजेपी मुर्मू को उम्मीदवार बनाने से पहले विपक्षी दलों से बातचीत करती तो वे उन्हें समर्थन देने के बारे में सोच सकते थे. इस बारे में पूछे जाने पर ईरानी ने कहा, ‘‘अगर ममता दी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं कर सकतीं तो उन्हें खुद आकलन करना चाहिए कि वह गरीबों और आदिवासियों के खिलाफ हैं या नहीं.’’
मुर्मू ने उत्तर कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के पैतृक घर का भी दौरा किया. उनके साथ बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी, मजूमदार आदि थे. मुर्मू ने आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों और विधायकों से भी मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा.
द्रौपदी मुर्मू ने जगन मोहन रेड्डी से की मुलाकात
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (Union Tourism and Culture Minister G Kishan Reddy) के साथ द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) दोपहर में अमरावती (Amaravati) पहुंचीं और वह ताडेपल्ली (Tadepalli) में मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहनरेड्डी (Chief Minister YS Jagan Mohanreddy) के निवास पर गयीं. मुर्मू ने तेलुगू में ‘अंडारिकी नमस्कारालू’ कहकर अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने आंध्र प्रदेश के ‘वैभवशाली इतिहास, उसके कवियों, योद्धाओं, स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.’
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