Punjab Election 2022: मोहाली की अदालत ने खारिज की शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका
Punjab Election: अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता 2017 तक राज्य की राजनीति में ताकतवर व्यक्ति रहा है, एफआईआर दर्ज करने में विलंब यह मान लेने का आधार नहीं है कि उसके खिलाफ पूरा मामला झूठा है
Punjab Election 2022: पंजाब में मोहाली की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. उन पर एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज है. मजीठिया ने अपने खिलाफ एक मामला दर्ज होने और ‘लुक आउट नोटिस’ जारी होने के बाद बृहस्पतिवार को अदालत का रुख किया था.
जमानत याचिका मजीठिया के वकील डी. एस. सोबती ने दायर की थी, जिन्होंने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी है. मजीठिया ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने ‘‘अपने राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.’’
अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘इस मामले में, तथ्यों से, याचिकाकर्ता ने राजनीतिक प्रतिशोध का एक मामला बनाने की कोशिश की, लेकिन याचिकाकर्ता 2017 तक राज्य की राजनीति में खुद एक ताकतवर व्यक्ति रहा है और प्राथमिकी दर्ज करने में विलंब यह मान लेने का आधार नहीं हो सकता कि याचिकाकर्ता के खिलाफ पूरा प्रकरण झूठा है.’’
FIR की वैधता पर प्रश्न अग्रिम जमानत का नहीं हो सकती है आधार
अदालत ने कहा कि प्राथमिकी की वैधता का सवाल भी अग्रिम जमानत के लिए आधार नहीं हो सकता. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी जिस रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई, वह मादक पदार्थ के कारोबार में याचिकाकर्ता की संलिप्तता और इसमें शामिल आरोपियों को संरक्षण देने को प्रथम दृष्टया प्रदर्शित करता है.
अदालत ने कहा, ‘‘इन सभी तथ्यों और वित्तीय लेनदेन तथा याचिकाकर्ता की मिलीभगत की गहन जांच करने की जरूरत है, जो याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ कर ही हो सकती है, ना कि अग्रिम जमानत के संरक्षण के तहत.’’ अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘इसलिए, तथ्यों और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, यह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है. इस तरह, जमानत याचिका में कोई मजबूत आधार नहीं है इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.’’
पंजाब में मादक पदार्थों का एक गिरोह संचालित होने की जांच की 2018 की स्थिति रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया (46) के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस कानून) की संबद्ध धाराओं के तहत सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया था.
शिअद ने मजीठिया पर लगे आरोपों को प्रतिशोध की कार्यवाही बताया
यह रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में मादक पदार्थ निरोधी विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में दाखिल की थी. मजीठिया, शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं. मजीठिया ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से पूर्व में इनकार किया है. शिअद ने मजीठिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत की गई कार्रवाई बताया है.