नई दिल्ली: ड्रग्स खरीदने, उसके इस्तेमाल और ट्रैफिकिंग के आरोपों में घिरी रिया चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. रिया चक्रवर्ती फिलहाल न्यायिक हिरासत में भायखला जेल में बंद हैं. ऐसे में रिया चक्रवर्ती के जेल के बाहर निकलने की बस एक ही उम्मीद है कि उनको अदालत से जमानत मिले. हालांकि इससे पहले एनडीपीएस की विशेष कोर्ट और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट रिया की जमानत याचिका को खारिज कर चुके हैं. जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी जांच एजेंसी एनसीबी ने रिया की जमानत याचिका रद्द करने की वकालत की थी.


रिया चक्रवर्ती समेत बॉम्बे हाई कोर्ट बुधवार को 5 लोगों की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगा. इन 5 लोगों में रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती का नाम भी शामिल है. रिया चक्रवर्ती 8 सितंबर से ही न्यायिक हिरासत में हैं. हालांकि इस दौरान रिया चक्रवर्ती ने पहले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका लगाई थी, जिसको अदालत ने खारिज कर दिया था. उसके बाद रिया चक्रवर्ती ने एनडीपीएस की विशेष अदालत के सामने भी जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन एनडीपीएस की विशेष अदालत ने भी वह जमानत याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि जांच के इस मोड़ पर रिया को जमानत नहीं दी जा सकती.


बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था रिया चक्रवर्ती एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा है और रिया चक्रवर्ती के जरिए कई बड़े नामों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. जांच एजेंसी एनसीबी ने इसके साथ ही अदालत में दलील देते हुए कहा था कि रिया को एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 37 के तहत जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि एनडीपीएस एक्ट कि किसी भी धारा में हुई गिरफ्तारी अपने आप में काफी संगीन अपराध माना जा सकता है. एनसीबी ने रिया चक्रवर्ती की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का भी जिक्र किया था. एनसीबी ने सुप्रीम कोर्ट के एक ऐसे ही फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में टिप्पणी कर चुका है कि किसी की हत्या से भी बड़ा अपराध है ड्रग का सेवन और उसकी खरीद फ़रोख्त क्योंकि हत्या के मामलों में उसका असर एक परिवार पर पड़ता है, लेकिन ड्रग पूरे समाज को बर्बाद करता है.


हालांकि रिया चक्रवर्ती के वकीलों की तरफ से दलील देते हुए कहा गया था कि जिस मामले में रिया को गिरफ्तार किया गया है और उनके ऊपर जो गंभीर धाराएं लगाई गई हैं वो सही नहीं हैं. क्योंकि जांच एजेंसी एनसीबी को रिया के पास से ना तो कोई बरामदगी हुई है और ना ही यह साबित होता है कि रिया अपने इस्तेमाल के लिए ड्रग मंगवाती थीं. बॉम्बे हाई कोर्ट में भी सुनवाई के दौरान रिया के वकील यही दलील देते रहे कि रिया ने जब भी ड्रग मंगवाया वह सुशांत के लिए था और सुशांत के कहने पर ही वो ड्रग मंगवाया गया था और अमूमन उसका पैसा भी सुशांत ही दिया करते थे.


ऐसे में रिया को अगर हाई कोर्ट से राहत मिलती है तो वह 28 दिन के बाद जेल की सलाखों से बाहर निकलेंगी. लेकिन अगर बॉम्बे हाई कोर्ट से भी उनको राहत नहीं मिली तो आने वाले दिन रिया के लिए और मुश्किलों भरे हो जाएंगे. क्योंकि फिर रिया के पास जेल की सलाखों से बाहर निकलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का ही विकल्प रह जाएगा.


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