(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को मिला एक और हथियार, स्पुतनिक V वैक्सीन को मिली DCGI की मंजूरी
रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री में स्टोर किया जा सकता है. कंपनी का दावा है की ये वैक्सीन 91% एफिकेसी देती है. फिलहाल इसके इम्पोर्ट और मार्केटिंग डॉ रेड्डी लैबोरेटरी करेगी. जानकारों के मुताबिक जल्द ही वैक्सीन भारत मे मिलना शुरू हो जाएगी.
नई दिल्ली: भारत को कोरोना की खिलाफ लड़ाई में एक और वैक्सीन मिल गई. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने M/s Gamaleya Institute, रूस की वैक्सीन स्पुतनिक को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की अनुमति दे दी है. अब तक कुल तीन वैक्सीन को भारत मे इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुकी है. जिसमें भारत बायोटेक की covaxin और एस्ट्केजेनका-सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की covishield को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन दिया है.
रूस इस वैक्सीन को Gam-COVID-Vac कंबाइंड वेक्टर वैक्सीन को नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ ऑफ रशियन फेडरेशन ने तैयार की है. भारत में इसका क्लीनिकल ट्रायल डॉ रेड्डी लेबोरेटरी ने किया है.
भारत में इस वैक्सीन का फेज 2 और 3 का ट्रायल किया गया है और उसके नतीजों के आधार पर पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने इस मंजूरी देने की सिफारिश की. जिसके बाद सोमवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे मंजूरी दी है. इस वैक्सीन को दुनिया भर के 30 देशों में अप्रूवल मिला है.
इस वैक्सीन की भी दो डोज लेनी होगी. पहली डोज और दूसरी डोज के बीच 21 दिन का अंतर होगा. जबकि भारत बायोटेक की covaxin में पहली डोज और दूसरी डोज के बीच 4 से 6 हफ्ते का गैप है. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की covishield में पहली और दूसरी डोज के बीच 6 से 8 हफ्ते का अंतराल है.
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