Pakistan Drones on Border Doubled: पंजाब और जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सीमा पार से ड्रोन के जरिये ड्रग्स और हथियार भेजे जाने के मामले इस साल 2022 में दोगुने से ज्यादा हो गए. यह जानकारी सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक (BSF DG) पंकज कुमार सिंह (Pankaj Kumar Singh) ने दी. बीएसएफ डीजी सिंह ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) से लगी पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियार भेजे जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन मुस्तैद जवान पड़ोसी देश की हर साजिश को नाकाम करने में जुटे हैं.
बीएसएफ के महानिदेशक ने शनिवार (12 नवंबर) को बताया कि सीमा पार से ड्रोन के जरिये नशीले पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ समस्या से निपटने के लिए ठोस उपाय खोज रही है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने हाल में ड्रोन संबंधी फॉरेंसिक अध्ययन करने के लिए दिल्ली के एक शिविर में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की है और इसके नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं.
पाकिस्तानी ठिकाने पता लगाने में सक्षम एजेंसियां
बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि सीमा पार से किस जगह से अपराधी इन गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं, उनका पता क्या है, खुफिया एजेंसियां इसकी जानकारी जुटाने में सक्षम हैं. फॉरेंसिक लैब के उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक वेबिनार सत्र के माध्यम से की. इस दौरान बीएसएफ प्रमुख ने ये जानकारियां दीं.
बड़े पैमाने पर सीमा पार से भेजे जा रहे ड्रोन
गुरुवार (8 नवंबर) की देर रात पंजाब के फिरोजपुर में पाकिस्तान से सटी जगदीश चौकी पास पड़ोसी मुल्क के ड्रोन की गतिविधियां देखी गईं थीं. बीएसएफ जवानों ने ड्रोन को निशाना बनाते हुए फायरिंग की और उल्लू बम भी छोड़े. सर्च ऑपरेशन के दौरान एक खेत से पाकिस्तान ड्रोन बरामद हुआ था. इससे पहले अमृतसर के अजनाला में 14 अक्टूबर को तड़के करीब पौने पांच बजे सीमा के पास बीएसएफ ने पाकिस्तानी ड्रोन पर निशाना साधकर उसे गिरा लिया था. घटना के बाद आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था.
अक्टूबर में यह जानकारी सामने आई थी कि नौ महीने में बीएसएफ ने पाकिस्तान से भेजे 191 ड्रोन देखे, जिनमें से 171 ड्रोन पंजाब की सीमा से भारत में घुसे थे जबकि 20 ड्रोन ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से प्रवेश किया था. इस दौरान बीएसएफ ने सात पाकिस्तानी ड्रोन को निशाना साधकर गिराया.
टेरर फंडिंग के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
बीएसएफ, सुरक्षा एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तानी ड्रोन का इस्तेमाल अफगानिस्तान की हेरोइन के पैकेट, असलहा और विस्फोटक सामग्री भारत में गिराने के लिए किया जा रहा है. लश्कर-ए-तैयबा समेत अन्य पाकिस्तानी आतंकी संगठन ऐसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. ड्रोन गतिविधि से आतंकी अभियानों के लिए संगठन टेरर फंड जुटा रहे हैं.