नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई इन दिनों अदंरूनी कलह के चलते सुर्खियों में है. सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत मामले में कल सीबीआई के ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था. देवेंद्र कुमार को आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के दौरान सीबीआई ने अपनी एजेंसी के खिलाफ ही बड़ा बयान दिया. डीएसपी देवेंद्र कुमार की 10 दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि सीबीआई में जांच में जांच के नाम पर उगाही का धंधा चल रहा है.


FIR रद्द करवाने के लिए HC पहुंचे अस्थाना और देवेंद्र
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने अपने ही नंबर दो अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर केस दर्ज किया है. अस्थाना ने एफआईआर रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है. डीएसपी देवेंद्र ने भी एफआईआर रद्द करवाने और जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है. कोर्ट में लंच के बाद इस मामले की सुनवाई हो सकती है.


पीएम से मिले डायरेक्टर, पीएमओ की मामले पर नजर
रिश्वत के मामले पर पीएमओ लगातार नजर बनाए हुए है, इस लड़ाई से प्रधानमंत्री कार्यालय नाराज है. सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना पर घूस का केस दर्ज होने के बाद डायरेक्टर आलोक वर्मा ने पीएम मोदी से मुलाकात की.


राकेश अस्थाना ने एफआईआर को बताया साजिश
दरअसल सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की है. राकेश अस्थाना ने जवाब दिया कि ये मुकदमा साजिश है, क्योंकि वो निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार की लिस्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्य सतर्कता आयुक्त को दे चुके हैं.


डीएसपी देवेंद्र कुमार पर क्या आरोप हैं?
देवेंद्र पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत कांड में फंसे विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के पक्ष में बयान के साथ छेड़छाड़ की. दरअसल सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद चल रहा है और दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ कि सीबीआई ने अपने ही दफ्तर में छापा मारा. देवेंद्र कुमार के एंटी करप्शन विंग दफ्तर को खंगाला गया.


देवेंद्र कुमार पर ये हैं धारा
सीबीआई ने पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र कुमार और मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिये सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया है. उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा सात, 13(2) और 13 (1) (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा सात-ए भी लगाई गई है. सीबीआई ने सूचित किया कि इन धाराओं में किसी अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती.


क्या है पूरा मामला, यहां समझिए
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए है लेकिन सीबीआई इस मामले मे आरोपी नबंर एक के यहां छापेमारी क्यों नही कर पाई इस बारे में कोई अधिकारिक जवाब नही दे रही है.


एफआईआर में आरोपी नंबर एक हैं राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरेशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.


सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपो की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है.