नई दिल्ली: रेप और जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर ने दिल्ली छोड़ने का फैसला कर लिया है. जम्मू कश्मीर में शहीद की बेटी को ये यातना रामजस कॉलेज की घटना के विरोध में बोलने के बाद दी जा रही है, देश पर जान न्यौछावर करने वाले शहीद की बेटी को देशद्रोही बताया जा रहा है.
समर्थन में मार्च लेकिन गुरमेहर शामिल नहीं
गुरमेहर कौर को बलात्कार की धमकी देने के खिलाफ वामपंथी छात्र संगठनों ने खालसा कॉलेज से मार्च का आगाज़ा किया है. ये मार्च खालसा कॉलेज से होकर दौलतराम, मिरांडा हाउस, किरोड़ीमल, रामजस, होते हुए आर्ट्स फैकल्टी तक जायेगा. हालांकि खुद गुरमेहर इस मार्च का हिस्सा नहीं है और वो दिल्ली छोड़कर बाहर जा चुकी है. गुरमेहर को मिली रेप की धमकी मामले में दिल्ली पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. सोशल मीडिया पर डाले गए गुलमेहर कौर के संदेश के बाद एक शहीद की बेटी को देशद्रोही बताया जा रहा है. उसे बलात्कार और जान से मारने की धमकी दी जा रही है. गुरमेहर कौर दिल्ली विश्वविद्यालय की सबसे प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ती है.
गुरमेहर निशाने पर क्यों?
गुरमेहर को निशाना इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में पिछले दिनों हुई मारपीट की घटना को लेकर उसने आवाज उठाई. गुरमेहर ने फेसबुक पर लिखा, “‘मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं मैं एबीवीपी से नहीं डरती मैं अकेली नहीं हूं. भारत का हर छात्र मेरे साथ है.” इस तस्वीर के साथ गुरमेहर ने मैसेज दिया कि जो लोग भी उसकी इस मुहिम में साथ हैं वो ऐसी तख्ती लेकर #studentsagainstabvp के साथ अपना विरोध जताएं.
गुरमेहर के पिता आतंकी हमने में शहीद हुए
फेसबुक पर गुरमेहर के इसी संदेश के खिलाफ आवाज उठने लगी. खुद को राष्ट्रभक्त बताने वाले उसे गैंगरेप तक की धमकी देने लगे. शर्म की बात ये है कि ये बात सामने आने के बाद भी की गुरमेहर के पिता देश के लिए शहीद हुए हैं धमकी का सिलसिला जारी है. गुरमेहर के पिता कैप्टन मनदीप सिंह 1999 में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आंतकवादी हमले में शहीद हुए थे. करगिल में भी इसी हमले के आसपास पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के वेष में हमला किया था.
पहले भी सुर्खियों में आयीं थी गुरमेहर
गुरमेहर कौर पहली बार तब सुर्खियों में आई थी जब उसका वीडियो- सोल्जर ऑफ पीस- यू ट्यूब पर वायरल हुआ था. सोल्जर ऑफ पीस वीडियो में गुरमेहर ने 36 पोस्टर के जरिए अपनी बात कही थी. इस वीडियो में गुरमेहर ने अपना संदेश हुए कहा था, ''जब मैं दो साल की थी तो मेरे पिता शहीद हो गए उनकी बहुत कम यादें हैं मेरे पास लेकिन मुझे ये याद है कि एक पिता के ना होने का अहसास क्या होता है. मुझे ये भी याद है कि मैं पाकिस्तान और पाकिस्तानियों से कितनी नफरत करती थी क्योंकि मुझे लगता था कि पाकिस्तान ने मेरे पिता को मारा है? जब मैं 6 साल की थी तो मैंने बुरका पहने एक औरत को मारने की कोशिश की थी लेकिन फिर मेरी मां ने मुझे संभाला मुझे समझाया कि पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा उन्हें युद्ध ने मारा है, अगर युद्ध ना होता तो मेरे पिता साथ होते.”
गुरमेहर को लेकर राजनीति गर्म हो गई है और इस बहस में बड़े नेता भी कूद गए हैं. शहीद की एक बेटी के खिलाफ उठ रही आवाज में छोटे कार्यकर्ता ही नहीं बड़ी हस्तियां भी राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ा रही हैं.