Dubai Expo 2020 Explained: दुबई में वर्ल्ड एक्सपो का आगाज हो गया है. अगले 6 महीने तक दुनिया के 192 देश अपनी ताकत, तकनीक और कला संस्कृति को इस एक्सपो से दुनिया को दिखाएंगे. इस बार दुबई एक्सपो में भारत का दम पूरी दुनिया देख रही है, क्योंकि भारत का पैवेलियन सबसे बड़ा है और क्या है इंडियन पैवेलियन में खास और कैसा है दुबई एक्सपो का रंग. जानिए इस रिपोर्ट में.
दुबई एक्सपो में दुनियाभर की दिग्गज कंपनियो के प्रोडक्ट्स के साथ साथ नई तकनीक और इनोवेशन का अदभुत संगम होगा. यहां 190 से ज्यादा देश इक्ट्ठा हुए हैँ और सभी के अलग पैवेलियन है. हर मुल्क का पवेलियन अपनी बढ़ती ताकत और क्षमता से दुनिया को रुबरू कराने के लिए यहां इक्ट्ठा हुआ है. वैसे दुबई एक्सपो 2020 में शेड्यूल था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया. अब ये 2021 में हो रहा है. लेकिन इसे नाम दुबई एक्सपो 2020 का ही दिया गया है.
ओलंपिक के बाद ये दुनिया का सबसे बड़ा इवेंट
- 182 दिन तक चलेगा एक्सपो
- 50 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद
- 192 देश शामिल
- 50 लाख वॉलेंटियर्स
- 1100 हेक्टेयर इलाके में फैला
- 550 टन मुख्य गुंबद में लगी स्टील
- 21 मीटर एंट्री गेट की ऊंचाई
- 60 रोज लाइव इवेंट
- 46000 ऑर्गनाइजेशन शामिल
दुबई एक्सपो 1 अक्टूबर से शुरु होकर 31 मार्च तक कुल 182 दिन चलेगा, जिसमें दुनियाभर से ढाई करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है. इस एक्सपो में 192 देश हिस्सा ले रहे हैं और डेढ़ लाख वॉलेंटियर्स यहां अलग अलग जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. पूरा एक्सपो 110 हेक्टेयर इलाके में फैला है और इसके सेंट्रल गुंबद को बनाने में 550 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. एंट्री गेट की ऊंचाई 21 मीटर है और यहां हर रोज 60 लाइव इवेंट होंगे, एक्सपो में दुनिया भर के 46000 संगठन हिस्सा ले रहे हैं.
दुबई एक्सपो में सबसे बड़ा आकर्षण हिंदुस्तान का पैवेलियन है, जिससे पूरी दुनिया भारत का दम देखेगी. भारत की ओर से टाटा ग्रुप, रिलायंस, अडाणी, वेदांता, HSBC जैसी दिग्गज कंपनियाों के साथ साथ सैकड़ों बिजनेस ग्रुप इसमें हिस्सा ले रहे हैं. वैसे तो दुबई एक्सपो में मिनी वर्ल्ड की झलक देखने को मिलेगी, लेकिन हिंदुस्तान का रंग यहा सबसे ज्यादा बेजोड और बेमिसाल होगा.
दुबई में भारत का दम
- सबसे बड़ा पैवेलियन
- 438 हेक्टेयर
- 600 ब्लॉक
- ब्लॉक हमेशा घूमते रहेंगे
- 500 करोड़ खर्च
क्योंकि भारत का पैवेलियन यहां शामिल होने वाले सभी देशों से बड़ा है. जो 438 हेक्टेयर में फैला है. इंडियन पैवेलियन में 600 ब्लॉक बनाए गए हैं, जो हमेशा घूमते रहेंगे. हर ब्लॉक का घूमना ये बताता कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. दबई एक्सपो में भारतीय पैवेलियन को तैयार करने में 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
एक्सपो में भारतीय पैवेलियन 11 अलग अलग थीम पर तैयार किए गए हैं, जो भारत के ताकत और यहां निवेश की संभावनाओं को दिखाते हैं. इंडियन पैवेलियन के जरिए स्पेस टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थकेयर, स्टॉर्टअप्स, मेक इन इंडिया में निवेश की संभावनाएं बताई गई हैं.
एक्सपो का एक लंबा इतिहास है
वर्ल्ड एक्सपो की शुरुआत 1791 में चेक गणराज्य के बोहेमिया में आयोजित हुए एक बल्र्ड फेयर से हुई, लेकिन आधिकारिक तौर पर पहला वर्ल्ड एक्सपो 1851 में लंदन के क्सिटल पैलेस में आयोजित हुआ. इसके बाद दुनिया के अलग अलग शहरों में इसकी शुरुआत हुआ. 1851 से 1938 तक वल्र्ड एक्सपो औद्योगिकरण को दिखाने के लिए लगया जाता था. 1939 से इसकी थीम सांस्कृतिक विरासत की प्रदर्शनी में बदल गई, जो 1987 तक चली. 1988 के बाद वर्ल्ड एक्सपो में हर देश अपनी अपनी ब्रांडिग करने लगे, जो अब तक जारी है.