कोरोना के चलते दिल्ली में इस बार छठ पर्व की रौनक रहेगी फीकी, सार्वजनिक स्थलों पर नहीं होगी छठ पूजा
दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक स्थल, सार्वजनिक ग्राउंड, घाट और मन्दिर में नवंबर के महीने में छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जायेगा. सभी जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डीसीपी को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
नई दिल्ली: हर साल पूरे देश मे छठ का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार राजधानी दिल्ली में छठ पर्व की रौनक फीकी रहेगी. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने ये आदेश दिया है कि इस साल सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जायेगा. हालांकि, श्रद्धालु अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ पर्व मना सकेंगे. इसके साथ ही छठ पर्व मनाने के लिए कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना भी ज़रूरी होगा.
DDMA की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक स्थल, सार्वजनिक ग्राउंड, घाट और मन्दिर में नवंबर के महीने में छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जायेगा. सभी जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डीसीपी को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है. इसके साथ ही शांति सौहार्द और कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये सभी डीएम और डीसीपी को निर्देश दिया गया है कि वो छठ के त्योहार से पहले अपने इलाकों के धार्मिक, सामाजिक लीडर्स और छठ पूजा समितियों के साथ मीटिंग करें.
छठ पर्व खासतौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाखों लोगों द्वारा मनाया जाता है. हालांकि पूरे देश मे इस त्योहार की रौनक देखने को मिलती है. इस साल छठ पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जाएगा. चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय के साथ पर्व की शुरुआत होती है, दूसरे दिन खरना होता है, फिर तीसरे दिन ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व की समाप्ति होती है.