जयपुर: राजस्थान के अलवर स्थिति सरिस्का बाघ अभयारण्य में नर बाघ 'एसटी 11' के कथित शिकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय बाघ अभयारणयों में बाघों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. अब इन अभयारणयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को सौंपने की मांग होने लगी है.
राजस्थान के राष्ट्रीय रणथंभोर बाघ अभयारण्य और सरिस्का बाघ अभयारण्य में 70 बाघ और 19 शावक है. इनमें से एक बाघ लापता है.
वन्य जीव प्रेमी एव पीपुल्स फार एनीमल्स के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल जाजू ने बाघों को बचाने के लिए देशभर के बाघ अभयारण्यों की सरक्षा सेना के हवाले करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कार्ययोजना की शुरूआत राजस्थान के रणथम्भौर राष्ट्रीय बाघ परियोजना सवाई माधोपुर और अलवर के सरिस्का बाघ अभयारण्य से की जानी चाहिए.
सरिस्का बाघ अभयारण्य के वन अधिकारी बालाजी कारी ने पिछले दिनों खेत में लगे कटीले तारों में फंस कर मरे ‘एसटी11’ नामक बाघ पर कहा कि,'सरिस्का से ही गायब बाघ की तलाश की जा रही है. जब तक उसके अवशेष नहीं मिल जाते या शिकार की पुष्टि नहीं हो जाती, कुछ कहना जल्दबाजी होगी.'
वन्यजीव विशेषज्ञ डा. एसके सिंह ने कहा कि,'राजस्थान में एक पखवाडे में दो बाघों की असामान्य मौत हो गयी. एक बाघ लापता है. आखिर वन विभाग क्या कर रहा है. बाघों की सुरक्षा का जिम्मा किसी ओर एजेंसी को सौप देना चाहिए.'
बाबू लाल जाजू ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार बाघों की सुरक्षा पर हर साल करोडों रूपये खर्च कर रही है. इसके बावजूद बाघ सुरक्षित नही हैं. बाघों को बचाना है तो बाघ अभयारण्यों की सुरक्षा सेना को सुपुर्द कर देनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि सरकार को सरिस्का और रणथम्भोर अभयारण्य क्षेत्रों में रह रहे लोगों का तुरंत सम्मानजनक रूप से पुनर्वास कराना चाहिए. इनमें से निकल रहे मार्गो पर आवागमन पर रोक लगनी चाहिए. यह अतिक्रमण मुक्त हो. साथ ही, धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों पर रोक लगनी चाहिए.
जाजू ने कहा कि सरिस्का में वर्ष 2003 में 45 बाघ थे. इनका नामो-निशान खत्म हो गया. कुछ सालों की वीरानी के बाद सरकार ने फिर सरिस्का में रणथंभोर से बाघ भेजे. आखिर कब तक बाघों को शिकारियों के हवाले करते रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि राजस्थान सरकार से बाघ संभल नहीं रहे है तो अन्य स्थानों पर भेज दे ताकि बाघ का जीवन तो बचे.’’
राजस्थान: नर बाघ के कथित शिकार के बाद बाघ अभयारण्यों की सुरक्षा सेना को सौंपने की मांग
एजेंसी
Updated at:
25 Mar 2018 03:11 PM (IST)
राजस्थान के अलवर स्थिति सरिस्का बाघ अभयारण्य में नर बाघ 'एसटी 11' के कथित शिकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय बाघ अभयारणयों में बाघों की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. अब इन अभयारणयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को सौंपने की मांग होने लगी है.
प्रतीकात्मक तस्वीर
पढ़ें आज की ताज़ा खबरें (Hindi News) देश के सबसे विश्वसनीय न्यूज़ चैनल ABP न्यूज़ पर - जो देश को रखे आगे.- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -