Delhi Heat Stroke: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पारा लगातार चढ़ता जा रहा है और दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक की शिकायत वाले मरीजों की बाढ़ सी आ गई है. इस दौरान केंद्र सरकार ने शहर के अस्पतालों से कहा है कि वे हीट स्ट्रोक के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर भर्ती करें. जहां बुधवार को सरकारी सफदरजंग अस्पताल में 5 मौतें और 15 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है. जबकि, एलएनजेपी अस्पताल में पिछले एक हफ्ते में हीट स्ट्रोक के कारण दो मौतें हुई हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के स्वास्थ्य निदेशक सुरेश कुमार का कहना है कि फिलहाल एलएनजेपी अस्पताल में हीट स्ट्रोक के 9 मरीज भर्ती हुए हैं, जिसमें नौ मरीजों में से चार मरीज गंभीर हालत और हीटस्ट्रोक के कारण कई अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. जबकि, 16 जून को हीटस्ट्रोक के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी.
मरीजों का समय पर इलाज होना जरूरी- निदेशक
स्वास्थ्य निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि हीटस्ट्रोक के मरीजों का समय पर इलाज होना बहुत जरूरी है, नहीं तो इससे शरीर के कई अंगों के काम करना बंद करने की नौबत भी आ सकती है. उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी और लू से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग मजदूर या रिक्शा चालक थे और उनमें से ज्यादातर की उम्र 60 साल से ज्यादा थी.
बता दें कि, दिल्ली में अब तक हीट स्ट्रोक के कारण कम से कम 4 मौतें हो चुकी हैं. पिछले हफ़्ते एलएनजेपी अस्पताल में 2 मौतें हुईं, जबकि राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफ़दरजंग अस्पताल में एक-एक मौत हुई है.
जानलेवा गर्मी के बीच अस्पतालों को केंद्र का आदेश
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को हीट स्ट्रोक के मरीजों को भर्ती करने और उनके इलाज को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है. इसके अलावा जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में स्पेशल हीटवेव यूनिट शुरू करने का भी निर्देश दिया है.
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