प्रयागराज: लॉकडाउन के बीच ऐसे बहुत से लोग हैं, जो इधर-उधर फंसे हुए हैं. इनमें कुछ तो ऐसे है जो इस संकट काल के बीच घर वापसी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. इस लॉकडाउन में हजारों किलोमीटर का सफर पैदल या साइकिल से ही तय करने की खबरें खूब सामने आ रही हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के प्रेम मूर्ति पांडेय ने मुम्बई से अपने परिवार के बीच वापस आने के लिए जो हथकंडा अपनाया है, वह बेहद अनूठा और दिलचस्प है.
मुंबई एयरपोर्ट में ट्रॉली मैन का काम करने वाले प्रेम मूर्ति पांडेय ने भी कुछ ऐसा ही किया. 22 मार्च से लॉकडाउन के बाद वहीं फंसे थे. घर वापसी की जिद्द ऐसी कि, इन्होंने सारी हदें पार कर दी. मुंबई से प्रयागराज पहुंचने के लिए इन्होंने 4 लाख रुपये खर्च कर दिए. 17 अप्रैल को मुंबई से प्रयागराज अपने घर के लिए पैदल निकले प्रेम मूर्ति पांडेय को जब पुलिस ने नासिक के पास रोका तो वो किसान बन गए.
वह स्थानीय मंडी में चार दिन रहे और फिर घर वापसी की नयी तरकीब सोची. उन्होंने 10,000 रुपये के 1,300 क्विंटल तरबूज खरीदे, मंडी से 2 लाख 32 हजार का एक ट्रक प्याज खरीदा, 17,000 का ट्रक किराए पर लिया और प्याज के ट्रक पर 21 अप्रैल की रात महाराष्ट्र से प्रयागराज के लिए रवाना हुए.
प्रेम मूर्ति पांडेय 23 अप्रैल को ट्रक के साथ अपने घर पहुंच गए. आवश्यक वस्तुओं के वाहन को आवाजाही की छूट है इसलिए वे बेरोकटोक प्रयागराज पहुंच गए. प्रेम मूर्ति पांडेय ने ऐसा क्यों किया उन्होंने खुद बताया. उन्होंने कहा कि मैं संक्रमित नहीं हूं इसलिए आया.मेरे मां बाप बूढ़े हैं. मुंबई में खतरा है इसीलिए प्याज खरीद कर यहां आय. प्रेम मूर्ति पांडेय पिछले कई सालों से मुंबई में रह रहे हैं.
अब जब उनकी चालाकी पकड़ी गई, तो परिवार भी उनके बचाव में आ गया. उनके परिवार ने थोड़ा विरोध और हंगामा भी किया. प्रेम मूर्ति पांडे की बेटी ने कहा, ''मेरे पापा ने कुछ गलत नहीं किया, सरकार तो कुछ कर नहीं रही इसलिए मैंने खुद ढाई लाख अपने पापा के अकांउट में ट्रांसफर किए.'' वहीं प्रशासन ने प्रेम मूर्ति पांडेय को क्वॉरन्टीन सेंटर में भेज दिया है ताकि अगर वो पॉजिटिव पाए गए तो संक्रमण फैलने के खतरे से बचा जा सकें.
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