2019 लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतकर बंगाल की राजनीति दमदार उपस्थित दर्ज कराने के बाद भाजपा विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर है. लोकसभा के नतीजों से भाजपा का मानना है कि 2021 विधानसभा चुनाव में वो टीएमसी को पटखनी दे सकती है. जिसके चलते इस साल दुर्गापूजा के जरिये भाजपा अपनी तैयारियों को और धार देने में जुट गई है.


माना जा रहा है कि दुर्गापूजा क्लब के जरिये भाजपा कट्टर हिंदुत्व के अपने एजेंडे को और मजबूत करने की फिराक में है. जिसका सीधा फायदा आने वाले विधानसभा के चुनाव में मिल सकता है. ये अलग बात है कि भाजपा इसे चुनाव से जोड़कर नहीं देख रही है. भाजपा के मुताबिक दुर्गापूजा उनके लिए सिर्फ आस्था का विषय है.



दरअसल पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा क्लबों के अंदर की राजनीति चुनावों को प्रभावित करने की कूवत रखती है. यही कारण है कि भाजपा पिछले पांच वर्षों से दुर्गापूजा कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर सक्रियता दिखा रही है. इसके उलट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी की छवि प्रो माईनियरटी वाली छवि हो चुकी है. जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है. वैसे ममता बनर्जी ने अपने ऊपर से प्रो मुस्लिम वाली छवि मिटाने में जुटी हुई है.


यही कारण है कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापूजा क्लबों को राज्य सरकार की ओर से 30000 हजार की जगह 50000 की राशि दी जा रही है. करीब 183 करोड़ रुपये क्लबो को दिया गया है.


गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में वर्चुअल दुर्गापूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे. जबकि 19 अक्टूबर को स्वयं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सिलीगुड़ी में दुर्गा पूजा क्लब के कार्यक्रम में शामिल होंगे.