नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पवित्र इस्लामिक महीने रमजान के दौरान सतर्क रहें. साथ ही सुनिश्चित करें कि नमाज़ के लिए भीड़ इकट्ठी नहीं हो. रमज़ान बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि मुस्लिम नेताओं से अपील करें कि वे अपने अनुयायियों को घरों के अंदर रहने के लिए कहें. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान किसी भी धार्मिक स्थल पर पूजा करना या इकट्ठा होना प्रतिबंधित है और हमें उम्मीद है कि हर कोई इस निर्देश का पालन करेगा.’’

अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारों से कहा गया है कि मुस्लिम नेताओं के संपर्क में रहें ताकि सुनिश्चित हो सके कि मस्जिदों में भीड़ इकट्ठी नहीं हो और लोग घरों के अंदर नमाज़ पढ़ें. केंद्र सरकार को इस तरह की सूचनाएं मिली कि देश के कुछ हिस्से में ‘तराबी’ के लिए मस्जिदों में लोग इकट्ठा हो सकते हैं जिसके बाद उसने इस बारे में राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अवगत करा दिया है. ‘तराबी’ सामान्यत: शाम के समय मस्जिदों में आयोजित किया जाता है. गृह मंत्रालय की तरफ से 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देश के मुताबिक सभी धार्मिक स्थल और पूजा स्थल लोगों के लिए बंद रहेंगे. लॉकडाउन के दौरान धार्मिक एकत्रीकरण पूरी तरह प्रतिबंधित है.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकारों को यह भी कहा गया कि मस्जिद प्रबंधन समितियों और समुदाय के नेताओं से स्थानीय पुलिस के मार्फत संपर्क करें ताकि नमाज के लिए कोई भी मस्जिद नहीं जा सके. कई मुस्लिम संगठनों और मौलवियों ने लोगों से अपील की है कि रमज़ान के दौरान घरों में नमाज पढ़ें लेकिन लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में काफी संख्या में लोगों के एकत्रित होने के बारे में पता चलने के बाद अधिकारी सशंकित हैं.

निजामुद्दीन मरकज ने पिछले महीने एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम किया था और अधिकारियों ने बताया कि भारत के कुल कोविड-19 मामलों का 30 फीसदी मामला इससे जुड़ा हुआ है. रमज़ान के महीने में मुस्लिम सुबह से शाम तक उपवास करते हैं और इकट्ठा होकर नमाज़ पढ़ते हैं. शाम में इफ्तार का आयोजन भी किया जाता है.

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